राजस्थान के जैसलमेर में हुए बस दुर्घटना के बाद मुख्यमंत्री ने की मदद की पुष्टि
जैसलमेर में हुए बस दुर्घटना के बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री ने जैसलमेर और जोधपुर में मदद के लिए कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री ने जैसलमेर पहुंचकर बस दुर्घटना के स्थल का दौरा किया और भारतीय सेना और स्थानीय नागरिकों द्वारा बचाव और राहत कार्यों में उनकी प्रयासों की प्रशंसा की।
मुख्यमंत्री ने जैसलमेर से जोधपुर के लिए रवाना होकर वहां पर दुर्घटना में मारे गए लोगों के परिवारों से मुलाकात की। उन्होंने डॉक्टरों को घायलों को सबसे अच्छा चिकित्सा सेवा प्रदान करने के निर्देश दिए और बुरी तरह जली हुई लोगों के इलाज के लिए आवश्यक सुविधाओं की जांच की। उन्होंने जोधपुर के बुरी तरह जली हुई इकाई में वेंटिलेटर, ऑक्सीजन सपोर्ट, आईसीयू बेड और आवश्यक दवाओं की उपलब्धता की जांच की।
जोधपुर में एक समर्पित चिकित्सा निगरानी टीम को तैनात किया गया है ताकि वहां घायलों को रात-दिन चिकित्सा सेवा प्रदान की जा सके। मुख्यमंत्री ने घायलों के परिवारों को उचित आवास, भोजन और अस्पताल के परिसर में आवश्यक सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए। उन्होंने जैसलमेर और जोधपुर में स्थानीय विधायकों, पार्टी कार्यकर्ताओं और प्रशासनिक अधिकारियों से मुलाकात की और उनसे राहत कार्यों में सहायता करने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने कैबिनेट मंत्री मदन दिलावर को जोधपुर में रहने के निर्देश दिए ताकि वहां की स्थिति की निगरानी की जा सके।
पुलिसकर्मी ने गवाहों के बयानों के आधार पर बताया कि बस में एक बड़ा धमाका हुआ था, जो एयर कंडीशनर के कंप्रेसर से हुआ था। इस धमाके के बाद बस में आग लग गई और इसमें डीजल, एयर कंडीशनर का गैस और फाइबर आधारित आंतरिक संरचना ने आग को और भी तेज कर दिया। बस में केवल एक दरवाजा था, जो जाम हो गया और अधिकांश यात्रियों को निकलने का मौका नहीं मिला। सेना ने जितने भी शव बरामद किए, उन्हें जोधपुर भेज दिया गया है, लेकिन कुछ शव जल के धुएं से पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं।
स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खिमसर ने बताया कि बस में आपातकालीन निकासी की व्यवस्था नहीं थी, कोई खिड़की का हैमर नहीं था और बस का रास्ता बहुत Narrow था जिससे यात्रियों को निकलने में कठिनाई हुई। बस के तार जलने के बाद, स्वचालित दरवाजा बंद हो गया जिससे यात्रियों को निकलने का मौका नहीं मिला। बस में कई शव एक दूसरे के ऊपर ही पड़े हुए मिले।
घायलों में दो बच्चे और चार महिलाएं शामिल हैं, जिनमें से कुछ को 70 प्रतिशत तक जलने के निशान हैं। सभी को पहले जैसलमेर के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया और फिर जोधपुर भेजा गया। जैसलमेर के जिला कलेक्टर प्रताप सिंह नाथावत ने बताया कि बचाव कार्य शुरू हो गया है और 19 शवों को जोधपुर भेज दिया गया है जहां उनकी DNA परीक्षण की जाएगी।