Fake Institute, NCTE: नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (NCTE) ने देश भर में 2224 टीचर ट्रेनिंग संस्थानों की मान्यता रद्द कर दी है. यह NCTE के इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा एक्शन है. साथ ही, स्टूडेंट्स और पैरेंट्स को सलाह दी गई है कि दाखिला लेने से पहले NCTE की वेबसाइट पर मान्यता प्राप्त संस्थानों की लिस्ट जरूर चेक करें.NCTE ने क्यों उठाया इतना बड़ा कदम?
NCTE ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत टीचर ट्रेनिंग संस्थानों की गुणवत्ता की जांच शुरू की थी. इस दौरान करीब 3000 संस्थान शक के घेरे में आए.इनसे 2021-22 और 2022-23 की परफॉर्मेंस अप्रेजल रिपोर्ट (PARs)मांगी गईं. चार महीने से ज्यादा समय,बार-बार ईमेल और कारण बताओ नोटिस के बावजूद 2224 संस्थानों ने कोई जवाब नहीं दिया. इसलिए NCTE ने इनकी मान्यता रद्द कर दी. कुछ और संस्थानों की जांच चल रही है और माना जा रहा है कि कुल 2700 से 3000 संस्थानों की मान्यता रद्द हो सकती है.
Fake Teacher Training Institutes: किन संस्थानों पर हुई कार्रवाई?
मान्यता रद्द होने वाले ज्यादातर संस्थान डमी या कागजों पर चल रहे थे. इनमें से कई ने नकली रजिस्ट्रेशन करा रखे थे. इन संस्थानों में स्टूडेंट्स का रजिस्ट्रेशन तो होता था,लेकिन न क्लास होती थीं, न ही ढंग का इंफ्रास्ट्रक्चर था. पढ़ाने वाले प्रोफेसर या स्टाफ भी नहीं थे. कुछ संस्थान सिर्फ डिग्री बेचने का धंधा कर रहे थे.NCTE ने ऐसी शिकायतों के बाद सख्ती दिखाई और परफॉर्मेंस अप्रेजल रिपोर्ट के जरिए इनकी सच्चाई सामने लाई.
किस रीजन के कितने संस्थान?
NCTE ने अलग-अलग क्षेत्रों में संस्थानों की मान्यता रद्द की है.इसमें साउथ रीजन के 872 संस्थान,
वेस्ट रीजन के 686 संस्थान,नॉर्थ रीजन के 637 संस्थान,ईस्ट रीजन के 29 संस्थान शामिल है.इनकी पूरी लिस्ट 12 जून 2025 तक NCTE की वेबसाइट ncte.gov.in पर अपलोड होगी.
स्टूडेंट्स और पैरेंट्स क्या करें?
NCTE ने चेतावनी दी है कि इस तरह के संस्थानों में एडमिशन लेने से पहले वेबसाइट पर लिस्ट चेक करें. कई संस्थान कागजों पर चल रहे हैं,जिनकी डिग्री बेकार हो सकती है. खासकर एडमिशन सीजन में सावधानी बरतें, ताकि आपका पैसा और समय बर्बाद न हो. वेबसाइट पर मान्यता प्राप्त और रद्द किए गए संस्थानों की पूरी जानकारी होगी.अगर आप टीचिंग कोर्स में दाखिला लेने की सोच रहे हैं, तो NCTE की वेबसाइट ncte.gov.in पर जाकर मान्यता प्राप्त संस्थानों की लिस्ट चेक कर लें.12 जून 2025 के बाद वेबसाइट पर पूरी जानकारी अपलोड होगी.ऐसे संस्थान से बचें,जिनका इंफ्रास्ट्रक्चर या टीचिंग स्टाफ संदिग्ध हो.
राष्ट्रीय शिक्षा नीति का रोल
NEP 2020 में जस्टिस जे.एस. वर्मा कमीशन की सिफारिशों का जिक्र है, जिसमें कहा गया है कि कई स्टैंडअलोन टीचिंग संस्थान गुणवत्ता पर ध्यान नहीं देते. NCTE की जिम्मेदारी है कि देश में टीचर एजुकेशन सिस्टम को उच्च स्तर का बनाया जाए. इसके लिए डमी संस्थानों और डिग्री बेचने वालों पर रोक लगाई जा रही है.परफॉर्मेंस अप्रेजल रिपोर्ट के जरिए संस्थानों की जांच हो रही है.एक उच्च स्तरीय कमिटी बनाई गई है,जो इन रिपोर्ट्स का विश्लेषण कर रही है.
हर साल 17 लाख होते हैं पास
देश में हर साल 7 लाख नए टीचर्स की जरूरत होती है,लेकिन मौजूदा संस्थानों से हर साल 17 लाख टीचर्स निकल रहे हैं. NCTE का कहना है कि संख्या से ज्यादा क्वालिटी मायने रखती है. इसलिए संस्थानों को बुनियादी सुविधाएं और क्वालिटी टीचिंग देनी होगी.2026 से नए टीचिंग कोर्स शुरू होंगे, जो प्रैक्टिकल और बेस्ट प्रैक्टिस पर आधारित होंगे.घर बैठे डिग्री लेने या डमी स्टूडेंट्स को बढ़ावा देने वाले संस्थानों पर नजर रखी जा रही है.
आगे क्या होगा?
अब मान्यता रद्द होने वाले संस्थानों की जानकारी आम लोगों के लिए गजट नोटिफिकेशन के जरिए दी जाएगी.जिन संस्थानों ने PARs जमा की हैं,उनकी भी जांच हो रही है. कमियां मिलने पर सुधार के निर्देश दिए जाएंगे.2026 से नए रेगुलेशंस और कोर्सेज लागू होंगे,जो टीचर एजुकेशन को और बेहतर बनाएंगे.
क्यों है यह फैसला जरूरी?
NCTE के इस कदम से डमी संस्थानों का धंधा बंद होगा.विशेषज्ञों का मानना है कि टीचर एजुकेशन देश के शिक्षा सिस्टम की रीढ़ है. अगर टीचर्स की ट्रेनिंग में ही कमी होगी तो इसका असर स्कूलों और स्टूडेंट्स पर पड़ेगा. इसलिए क्वालिटी टीचर्स तैयार करने के लिए सख्त कदम उठाना जरूरी था.
डमी कॉलेजों पर लगाम
NCTE का यह फैसला टीचर एजुकेशन को बेहतर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है.2224 संस्थानों की मान्यता रद्द होने से डमी कॉलेजों पर लगाम लगेगी. स्टूडेंट्स और पैरेंट्स को सलाह है कि दाखिला लेने से पहले NCTE की वेबसाइट पर लिस्ट जरूर देखें, ताकि भविष्य सुरक्षित रहे. यह कदम न सिर्फ क्वालिटी टीचर्स तैयार करेगा, बल्कि देश के शिक्षा सिस्टम को भी मजबूत करेगा.