चुनावी प्राधिकरण ने मतदान के नियम, 1961 के अनुभाग 49बी के तहत मौजूदा दिशानिर्देशों को संशोधित किया है, जिसका उद्देश्य मतदान मशीन (ईवीएम) के वोटिंग पेपर के डिज़ाइन और छापन को स्पष्टता और पठनीयता बढ़ाना है। इसके अनुसार, अब चुनावी उम्मीदवारों की तस्वीरें रंगीन रूप से ईवीएम वोटिंग पेपर पर छपेंगी। उम्मीदवार का चेहरा तीन-चौथाई फोटो स्पेस को कवर करेगा, जिससे उनकी पहचान आसानी से देखी जा सके।
चुनावी उम्मीदवारों और नोटा (नहीं किसी को) के विकल्प के लिए सीरियल नंबर अंतरराष्ट्रीय संख्या प्रणाली में छपेंगे। फ़ॉन्ट का आकार 30 होगा और यह स्पष्टता के लिए बोल्ड होगा। सभी उम्मीदवारों और नोटा के विकल्प के नाम एक ही फ़ॉन्ट टाइप और बड़े फ़ॉन्ट आकार में छपेंगे, जिससे उनकी पहचान आसानी से हो सके। ईवीएम वोटिंग पेपर 70 जीएसएम कागज़ पर छपेंगे। विधानसभा चुनावों के लिए निर्धारित ‘आरजीबी मान’ के अनुसार पिंक रंग का कागज़ इस्तेमाल किया जाएगा। संशोधित ईवीएम वोटिंग पेपर आने वाले चुनावों में इस्तेमाल किए जाएंगे, जिनमें बिहार के चुनाव शामिल हैं। चुनावी प्राधिकरण ने कहा है कि जब 10 साल पहले तस्वीरों का उपयोग शुरू किया गया था, तो इसका उद्देश्य था कि जहां कई उम्मीदवारों के नाम एक ही होते हैं या उनके नाम सुनने में एक जैसे लगते हैं, वहां मतदाताओं को उनकी पहचान करने में कोई भ्रम न हो।