england tennis player 23 year old joanna garland emotional journey in wimbledon 2025 to play from taiwan | इंग्लैंड की 23 साल की वो टेनिस सुंदरी.. जो दूसरे देश से खेलेगी विम्बलडन, बचपन की कहानी सुनाकर मचाई सनसनी

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england tennis player 23 year old joanna garland emotional journey in wimbledon 2025 to play from taiwan | इंग्लैंड की 23 साल की वो टेनिस सुंदरी.. जो दूसरे देश से खेलेगी विम्बलडन, बचपन की कहानी सुनाकर मचाई सनसनी



Joanna Garland Taiwan: विम्बलडन जब शुरू होता है तो सिर्फ खेल ही नहीं किस्सों का भी मौसम आ जाता है. हरी घास पर दुनिया के बेहतरीन और चर्चित टेनिस खिलाड़ियों की भिड़ंत होती है. हर बार कोई न कोई कहानी दिल को छू जाती है. इस बार एक सुंदरी है जो वायरल हो रही है. इंग्लैंड में पली-बढ़ी 23 साल की जोआना गारलैंड अब दूसरे देश से खेलने के लिए तैयार हैं. एक देश ने उन्हें पाला तो दूसरे ने पहचान दी और दोनों की भावनाओं को समेटे जोआना लौट रही हैं उसी कोर्ट पर जहां उन्होंने कभी सपने देखे थे. लेकिन इस बार झंडा दूसरा होगा. 
असल में इंग्लैंड में पली-बढ़ी और वहीं की नागरिकता रखने वाली जोआना ताइवान की ओर से टूर्नामेंट में उतरेंगी. जोआना ने यह फैसला इमोशनल जुड़ाव के कारण लिया है. उन्होंने कहा कि उनका बचपन इंग्लैंड में बीता दोस्त भी यहीं हैं लेकिन वह ताइवान के योगदान को नहीं भुला सकतीं जिसने उन्हें करियर की शुरुआत में आगे बढ़ने का मौका दिया.
जोआना का जन्म ताइवान में हुआ था. लेकिन सिर्फ 14 साल की उम्र में वह इंग्लैंड आ गई थीं. यहां उन्होंने खुद ही अपने करियर की बुनियाद रखी और संघर्षों से लड़कर एक मुकाम तक पहुंचीं. अब वह ताइवान के लिए खेल रही हैं और इसी पहचान के साथ विम्बलडन टूर्नामेंट में उतरेंगी.
यह संयोग ही है कि पिछले महीने जोआना ने फ्रेंच ओपन में ग्रैंड स्लैम डेब्यू किया था. जिसमें उन्होंने तीसरे दौर तक का सफर तय किया था. उस प्रदर्शन के दम पर वह अब विम्बलडन में मुख्य ड्रॉ में प्रवेश करने जा रही हैं. अपने करियर की शुरुआत में उन्होंने अमेरिका की ब्रुकलीन कॉलेज से टेनिस स्कॉलरशिप हासिल की थी. लेकिन ताइवान की मदद से उन्हें अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली.
जोआना ने कहा कि उन्होंने अपने करियर की दिशा खुद तय की. कोच भी खुद ढूंढा. मैनेजर भी खुद बनीं. उन्होंने अपने करियर को खुद संभाला और आज वह वर्ल्ड रैंकिंग में 144वें स्थान पर पहुंच गई हैं. इंग्लैंड की रहने वाली होते हुए भी उन्होंने ताइवान का नाम रोशन किया है. उनका मानना है कि वह ताइवान के योगदान को कभी भुला नहीं सकतीं. शायद उन्होंने यह करके भी दिखाया.
वह कहती हैं कि इंग्लैंड ने उन्हें एक सुरक्षित माहौल जरूर दिया. अच्छे दोस्त दिए और लेकिन ताइवान ने उन्हें एक अलग पहचान दी. जोआना अब तक पांच आईटीएफ खिताब जीत चुकी हैं और 2025 में होने वाले ग्रैंड स्लैम के लिए खुद को तैयार कर रही हैं. उनका अगला लक्ष्य रैंकिंग को 100 के भीतर लाना है. अब देखना है कि वह बिबलंडन में कितना परचम लहराती हैं.



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