अखंड प्रताप सिंह/कानपुर. देशभर में अब एक्सप्रेसवे और कॉरिडोर को बनाने के काम तेजी से चल रहे हैं. लेकिन कई बार एक्सप्रेसवे के धंस जाने या दरकने की खबरें आती रहती हैं. इससे उनके निर्माण पर सवाल उठने लगते हैं. इसके मद्देनजर ही केंद्र सरकार ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान यानी आईआईटी कानपुर को बड़ी जिम्मेदारी दी है. आईआईटी कानपुर ऐसी तकनीक और ऐसे पदार्थ विकसित करेगा, जो एक्सप्रेसवे और कॉरिडोर की उम्र को बढ़ाने में मददगार होंगे. इसके लिए आईआईटी कानपुर को परिवहन मंत्रालय की ओर से रिसर्च का जिम्मा सौंपा गया है.अभी जिन तकनीकों से एक्सप्रेसवे और कॉरिडोर का निर्माण किया जाता है, उनसे अधिक कामयाब तकनीक ढूंढने का काम आईआईटी कानपुर करेगा. संस्थान के विशेषज्ञ ऐसे मटीरियल की खोज करेंगे, जो हाईवे और एक्सप्रेसवे को लंबी उम्र तक चकाचक रखने में मदद करेंगे. बताया गया है कि एक बार बनने के बाद किसी भी एक्सप्रेसवे की उम्र 50 साल रहे, आईआईटी कानपुर ऐसी तकनीक ढूंढने पर काम करेगा.परिवहन मंत्रालय से मिला प्रोजेक्टआईआईटी कानपुर को यह प्रोजेक्ट परिवहन मंत्रालय की ओर से सौंपा गया है. इसके लिए संस्थान के विशेषज्ञ तापमान, जलवायु समेत सड़क निर्माण से जुड़ी हर चीज को ध्यान पर रखते हुए रिसर्च करेंगे. देश-विदेश में इस्तेमाल होने वाली तकनीकों को भी समझा जाएगा. उसके आधार पर ही नई तकनीक विकसित की जाएगी. आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रोफेसर मनिंद्र अग्रवाल ने बताया कि यह संस्थान के लिए गर्व की बात है कि सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने इस विषय पर रिसर्च करने का अवसर दिया है. आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञ इस क्षेत्र में काम करेंगे, ताकि जल्द से जल्द ऐसी तकनीक और निर्माण सामग्री का पता लगाया जा सके, जो हमारे देश के एक्सप्रेसवे की उम्र को और लंबी करने में मददगार हों.FIRST PUBLISHED : July 8, 2024, 19:19 IST
SC slams Uttarakhand over massive forest encroachment; orders eviction from vacant land
DEHRADUN: The Supreme Court of India has expressed severe displeasure over the widespread illegal encroachment and unauthorized occupation…

