Uttar Pradesh

एक नहीं है गरबा और डांडिया! जानें क्या है दोनों में अंतर? कहां हुई शुरुआत?



विशाल झा/गाजियाबाद. गाजियाबाद में नवरात्रि की तैयारियां जोरों से चल रही है. रामलीला मंचन हो या फिर दुर्गा पंडाल सजाने की तैयारी दोनों में ही गाजियाबाद निवासियों में भारी उत्साह देखने को मिल रहा है. दिल्ली से सटे गाजियाबाद में दुर्गा पंडाल के दौरान डांडिया नाइट आयोजित की जाती है. इस डांडिया नाइट में बेहतर परफॉर्म करने के लिए महिलाओं का समूह प्रैक्टिस कर रहा है.आमतौर पर हम लोग गरबा-डांडिया को एक डांस मानते है. लेकिन क्या आप जानते है गरबा-डांडिया न सिर्फ अलग-अलग है. बल्कि दोनों की शुरुआत अलग-अलग राज्यों में हुई है. एक की शुरुआत गुजरात में हुआ था तो वहीं दूसरे का उत्तर प्रदेश में.

एक बड़ी संख्या में लोग गरबा-डांडिया नृत्य को एक ही समझते हैं. जबकि नृत्य के दोनों रूपों में काफी फर्क है. गरबा नृत्य की शुरुआत गुजरात से हुई थी. इस नृत्य में हाथों का इस्तेमाल होता है. दोनों के बीच एक छोटा सा अंतर है. गरबा मां दुर्गा की आरती से पहले किया जाता है, जबकि डांडिया मां दुर्गा की आरती के बाद खेला जाता है. डांडिया के लिए दो स्टिक की जरूरत होती हैं जिनका इस्तेमाल नृत्य के लिए किया जाता है. वहीं गरबा के लिए आपको किसी प्रकार के अन्य सामान की जरूरत नहीं है. डांडिया की शुरुआत वृंदावन से हुई थी. डांडिया नृत्य में रंगीन छड़ी का इस्तेमाल होता है और इस छड़ी को हाथ में लेकर खेला जाता है. डांडिया नृत्य मां के पूजन के बाद किया जाता है.

क्या है गरबा और डांडिया का धार्मिक महत्त्व?मान्यता है कि गरबा और डांडिया दोनों ही नृत्य मां दुर्गा से सीधे जुड़े हुए है. गरबा नृत्य मां दुर्गा की प्रतिमा या उनके लिए जलाई गई ज्योत के आसपास किया जाता है. कहते हैं कि यह नृत्य मां के गर्भ में जीवन का प्रदर्शन करने वाली लौ का प्रतीक है. साथ ही गरबा नृत्य के दौरान बना गोला जीवनचक्र को दर्शाता है. वहीं, डांडिया नृत्य के जरिए मां दुर्गा और महिषासुर के बीच हुए युद्ध को दर्शाया जाता है. नृत्य में डांडिया की रंगीन छड़ी को मां दुर्गा की तलवार के तौर पर भी देखा जाता है. सिर्फ इसके लिए ही इसको तलवार नृत्य या डांस ऑफ स्वॉर्ड भी कहा जाता है.

नवरात्रि की तैयारियों जोरों परगजियाबाद की सोसाइटी में भी नवरात्रि की तैयारियों पर गुजरात का रंग देखने को मिल रहा है. वैशाली स्थित रामप्रस्थ ग्रीन सोसाइटी में रहनेवाली महिलाएं गरबा और डांडिया सीख रही है. जिसमें डांडिया और बजने वाली धुन से कॉन्बिनेशन बनाकर महिलाएं प्रैक्टिस कर रही है.खास बात ये है की ये महिलाएं बिना किसी कोरियोग्राफर के प्रैक्टिस कर रही है.

गरबा-डांडिया में आना है फर्स्टगरबा-डांडिया नृत्य सीखने वाली जया श्रीवास्तव ने बताया कि काफी खुशी महसूस हो रही है. स्टेप्स को सीखने में हम एक-दूसरे की मदद कर रहे है. इस बार नवरात्रि के उत्सव को धूमधाम से मनाने के लिए हम तैयार है. हर वर्ष की तरह इस बार भी सोसाइटी में डांडिया नाइट आयोजित की जाएगी. इसमें विभिन्न महिलाओं का समूह हिस्सा लेता है और जो अच्छा परफॉर्म करता है. उसको विनर घोषित किया जाता है, इसलिए सभी महिलाएं घर के काम से समय निकालकर प्रैक्टिस कर रही है.
.Tags: Ghaziabad News, Local18, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : October 8, 2023, 17:03 IST



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