शाश्वत सिंह/झांसी: जेल की दुनिया बेहद विचित्र होती है. इसके बारे में जानना हर कोई चाहता है. लेकिन, यहां जाने की कोई सोचता भी नहीं है. एनसीआरबी की रिपोर्ट “जेल स्टैटिस्टिक्स इंडिया 2020 के अनुसार, साल 2020 के अंत तक देशभर की जेलों में कम से कम 4.83 लाख भारतीय नागरिक कैद थे. इनमें 76 फीसदी से अधिक विचाराधीन आरोपी, जबकि 23 प्रतिशत दोषी करार दिए गए लोग शामिल हैं. एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय जेलों में बंद ज्यादातर विचाराधीन कैदी जहां 18 से 30 साल के आयुवर्ग में थे, वहीं दोषी करार दिए गए अधिकतर लोगों की उम्र 30 से 50 वर्ष के बीच थी.

जेल में कैदियों की संख्या साल दर साल बढ़ती ही जा रही है. कैदियों की जेल में जिंदगी कैसी होती है इस बारें में हर कोई जानना चाहता है. एक बैरक में कितने कैदी रहते हैं? कैदियों का खाना कब मिलता है? क्या कैदियों के लिए कोई ड्रेस होती है जैसा फिल्मों में दिखता है? ऐसे कई सवाल हैं जो लोगों के मन में होते हैं. ऐसा ही एक सवाल है कि कैदी परिवार से संपर्क कैसे करते हैं. जेल में बंद कैदी एक महीने में कितनी चिट्ठी लिख सकते हैं और किसे लिख सकते हैं?

15 दिन में लिख सकते हैं एक चिट्ठीझांसी जेल के अधीक्षक विनोद कुमार ने बताया कि जेल मैनुअल के अनुसार जेल में सजा काट रहे कैदी हर 15 दिन पर एक चिट्ठी लिख सकता है. इस प्रकार हर सजायाफ्ता कैदी महीने में दो बार चिट्ठी लिख सकता है. इसके साथ ही यह भी तय है कि कैदी किसको चिट्ठी लिख सकता है. सजायाफ्ता कैदी अपने परिवार के लोगों या बेहद करीबी रिश्तेदारों को ही चिट्ठी लिख सकता है. इसका रिकॉर्ड भी जेल में रखा जाता है.

नियमों का ध्यान रखें कैदीविनोद कुमार ने बताया कि जेल में पत्र लिखते समय कैदियों की इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वो जेल के खिलाफ या नियमों के विरुद्ध ना हो. सबसे अच्छा तरीका है कि आप जेल मैनुअल का पालन करें. अगर कोई भी कैदी जेल के नियमों के विरुद्ध चिट्ठी लिखता है, तो जेल प्रशासन उस चिट्ठी को रोक सकता है.
.Tags: Jhansi news, Local18, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : March 22, 2024, 21:54 IST



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