एक लीटर पेट्रोल में 176 किमी का माइलेज, दुनिया में आई 6 स्ट्रोक इंजन वाली बाइक! Tesla को भी मात दे दी

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एक लीटर पेट्रोल में 176 किमी का माइलेज, दुनिया में आई 6 स्ट्रोक इंजन वाली बाइक

Last Updated:August 19, 2025, 19:21 ISTPrayagraj six stroke bike: प्रयागराज के शैलेंद्र सिंह गौर ने 18 साल की मेहनत से 6-स्ट्रोक इंजन बनाने का दावा किया है. यह इंजन 1 लीटर पेट्रोल में 176 किमी चलाता है. शख्स ने दावा किया कि उसने 6 स्ट्रोक वाला बाइक इंजन बनाया है.

प्रयागराज के शैलेंद्र कुमार सिंह गौर नाम के शख्स हैं. इन्होंने वो कमाल कर दिखाया जो दुनिया में कोई और नहीं कर पाया. साइंस ग्रेजुएट हैं, 18 साल तक पसीना बहाया, नींद उड़ाई, और अपनी पूरी जिंदगी दांव पर लगा दी. अब उनका दावा है कि उन्होंने ऐसा इंजन बना डाला है, जो दुनिया की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री की काया पलट सकता है.

ये इंजन कोई टेस्ला वाला हाईफाई ‘इलेक्ट्रिक’ झंझट नहीं है. ये तो हमारे आपके रोज के इस्तेमाल वाला पेट्रोल-डीजल इंजन है. फर्क बस इतना है कि मौजूदा 4-स्ट्रोक इंजन को इन्होंने 6-स्ट्रोक इंजन में बदल दिया है. और इसी जुगाड़ की वजह से उनकी बाइक अब एक लीटर पेट्रोल में 176 किलोमीटर तक दौड़ सकती है.

माइलेज ही नहीं, ताकत भी तीन गुनाशैलेंद्र कहते हैं कि इस इंजन से सिर्फ माइलेज ही नहीं बढ़ता, बल्कि बाइक की पावर भी तीन गुना तक पहुंच जाती है. मतलब कम पेट्रोल में लंबी रफ्तार. इतना ही नहीं, उन्होंने दावा किया है कि उनकी बाइक का साइलेंसर गुनगुना रहता है, धुआं लगभग शून्य है और कार्बन मोनोऑक्साइड गैस तो नाममात्र ही निकलती है. साफ-सुथरा, पर्यावरण फ्रेंडली और पूरी तरह टिकाऊ. यानी, पेट्रोल बचेगा, ताकत बढ़ेगी और प्रदूषण भी गायब.

पुरानी बाइक से बना नई टेक्नॉलजी का कमालगौर करने वाली बात ये है कि शैलेंद्र ने कोई नया मॉडल नहीं खड़ा किया. पुरानी बाइक को ही खोल-खाल कर उसमें यह नया इंजन फिट कर दिया. अब ये इंजन किसी भी फ्यूल पर चल सकता है, पेट्रोल, डीजल, सीएनजी, एथनॉल, जो मन करे वो डाल दो.

सब बेच डाला… मकान तकअब सोच रहे होंगे, इतना बड़ा काम किया तो पैसे कहां से आए? तो सुनिए—शैलेंद्र ने इस इंजन के पीछे अपनी पूरी प्रॉपर्टी बेच डाली. पैतृक मकान बिक गया, परिवार का गुजर-बसर बड़ी मुश्किल से हो रहा है. पत्नी और बच्चों ने हिम्मत दी, कुछ दोस्तों ने भी साथ दिया, लेकिन हालात टाइट हैं.

उनका बड़ा बेटा सिर्फ नौवीं तक पढ़ पाया, एक बेटी दसवीं तक और दूसरी किसी तरह ग्रेजुएशन कर पाई. लेकिन बाप का सपना बड़ा है, तो बच्चों ने भी बलिदान कर दिया.

पेटेंट हो चुका, अब चाहिए कंपनीशैलेंद्र ने बताया कि इंजन का पेटेंट उन्होंने करवा लिया है. अब बस ज़रूरत है किसी बड़ी कंपनी की, जो इसे मास प्रोडक्शन में ले आए. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक से गुहार लगाई है कि कंपनियों को इस प्रोजेक्ट पर काम करने को कहा जाए. उनका कहना है, अगर ये इंजन बाजार में आ जाए तो देश की अर्थव्यवस्था बदल सकती है. कार हो, बस, ट्रक हो या फिर पानी का जहाज—सब इसमें फिट हो सकता है.

कौन हैं शैलेंद्र सिंह गौर?कानपुर के रहने वाले शैलेंद्र फिलहाल प्रयागराज के झूंसी इलाके में किराए के मकान में पत्नी और तीन बच्चों के साथ रहते हैं. 1983 में CMP डिग्री कॉलेज (इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से संबद्ध) से बीएससी (PCM) किया. 2007 में टाटा मोटर्स में नौकरी लगी, पर दिल नहीं लगा. फिर MNIT इलाहाबाद की लैब में प्रो. अनुज जैन से ट्रेनिंग ली. IIT-BHU की लैब में भी गए और इंजन बनाने की बारीकियां सीखीं. आज 18 साल बाद, कम लागत में दुनिया का सबसे किफायती इंजन बनाने का दावा कर रहे हैं.

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