सुल्तानपुर में 114 वर्षों से जारी रामलीला की एक अनोखी कहानी है. यहां के गांव परुपुर में प्रभु श्री राम की कहानी को मंच पर उतारा जा रहा है. यह रामलीला अपने आयोजन के लगभग 114 साल के क्रम को नहीं तोड़ पाई है. इस बार भी गांव वालों का भरपूर सहयोग मिल रहा है, जिससे यह रामलीला अपने पारंपरिक रूप में जारी रहेगी.
सुल्तानपुर जिला धार्मिक महत्व के लिए काफी जाना जाता है. यहां कई ऐसे धार्मिक स्थल हैं जिनका संबंध रामायण काल और प्रभु श्री राम के जीवन से है. उसी जीवन के चरित्र और चिंतन को मंच पर रामलीला के माध्यम से सुल्तानपुर के गांव परुपुर में 114 वर्षों से लोगों के समक्ष उतारा जा रहा है. इस रामलीला की सबसे खास बात यह है कि यहां पर अभिनय करने वाले सभी कलाकार एक ही वर्ग से हैं. ये सभी कलाकार अपने पूर्वजों की तीसरी पीढ़ी है जो रामलीला में अभिनय करते चले आ रहे हैं.
इस गांव में होती है रामलीला शहर से लगभग 4 किलोमीटर दूर परुपुर गांव में रामलीला आयोजित होती है. जिसमें आयोजन की तैयारी गांव के बच्चों से लेकर बूढ़े तक करते हैं. रामलीला कमेटी के सदस्य संदीप कुमार श्रीवास्तव बताते हैं कि यह रामलीला गांव के सहयोग से आयोजित होती रही है. जिसमें इस बार भी गांव वालों का भरपूर सहयोग मिल रहा है. यही वजह है कि इस रामलीला ने अपने आयोजन के लगभग 114 साल के क्रम को नहीं तोड़ा. 2025 में भी यह आयोजित हो रही है.
कलाकार एक ही परिवार से संबंधित परुपुर में होने वाली इस ऐतिहासिक रामलीला की खास बात यह है कि इसमें भाग लेने वाले सभी कलाकार एक ही परिवार से संबंधित हैं. जब से यह रामलीला आयोजित हो रही है तभी से ये सभी कलाकार एक दूसरी पीढ़ी को अपनी कला को हस्तांतरित करते हुए आ रहे हैं. जो आज चौथी पीढ़ी के लोग इस रामलीला में भाग लेते हैं. वहीं दीवानी न्यायालय में वकालत कर रहे रुद्रांश श्रीवास्तव इस रामलीला में रावण का अभिनय करते हैं.
यह है कार्यक्रम का शेड्यूल स्थानीय निवासी रजनीश श्रीवास्तव ने बताया कि इस बार रामलीला का आयोजन 28 सितंबर से प्रारंभ होगा और 5 अक्टूबर तक चलेगा. यह रामलीला रात्रि 8:30 बजे से 1:30 तक चलेगी. आपको बता दें कि इस रामलीला को देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग आते हैं. इस रामलीला के आयोजन से सुल्तानपुर के कई गांव के लोग आनंदित होते हैं और रामायण के पत्रों का और उनके चरित्र के महत्व को समझते हैं.