Uttar Pradesh

एक बार बुवाई, आठ बार कटाई…न ज्यादा देखरेख की जरूरत, न खाद-पानी की टेंशन, दुधारू पशुओं की फेवरेट

बरसीम फसल: एक बार बुवाई, आठ बार कटाई, कम देखरेख और खाद-पानी की टेंशन

बरसीम एक ऐसी फसल है जो पशुओं की दूध देने की क्षमता बढ़ा सकती है। इसकी खेती करने से पशुओं के स्वास्थ्य में भी सुधार होता है। बरसीम को एक बार लगाने के बाद 6 से 8 बार तक काटा जा सकता है। इसकी खेती करने के लिए ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती है।

बरसीम की खेती के लिए सितंबर का महीना सबसे अच्छा माना जाता है। अक्टूबर के शुरुआती हफ्तों में भी इसकी खेती की जा सकती है। बरसीम की खेती के लिए कम तापमान की जरूरत पड़ती है। इसकी बुवाई के लिए खेत की जुताई करने के बाद मिट्टी को समतल करना जरूरी है। मिट्टी समतल होने के बाद खेत की हल्की सिंचाई करके इसकी बुवाई कर सकते हैं।

बरसीम की खेती से पशुओं के लिए मुख्य चारे के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। इसका हरा चारा प्रोटीन से भरपूर होता है, जिससे पशुओं की दूध उत्पादन क्षमता बढ़ती है। बरसीम खेत के लिए प्राकृतिक खाद का काम करती है और मिट्टी की उर्वरक क्षमता भी बढ़ाती है।

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