Health

effects of tears on eyes know whether crying is good or bad for its health | क्या बात-बात पर आ जाते हैं आंसू? ज्यादा रोने से आंखों पर क्या होता है असर, जानकर चौंक जाएंगे आप



Eye Health: जी हां! आपको दुनिया का दीदार कराने वाली आंखों की सेहत के लिए ‘आंसू’ अनमोल चीज है. एक्सपर्ट बताते हैं कि जिन लोगों को ज्यादा रोने की आदत होती है, उनकी आंखों में इंफेक्शन बहुत कम होता है. साइंटिस्ट, मेडिकल किताबें और लेख पर स्टडी करने वाली वेबसाइट साइंस ‘डायरेक्ट’ के मुताबिक, लाइसोजाइम एक बैक्टीरियोलाइटिक एंजाइम है, जो हमारे शरीर में लार, आंसू और बलगम में पाया जाता है. यह बैक्टीरिया की दीवार को तोड़कर उन्हें खत्म करता है, जिससे हमारा शरीर इंफेक्शन से बचता है. इसकी स्ट्रक्चर और काम करने का तरीका इतना क्लियर और उपयोगी है कि साइंटिस्ट इसे प्रोटीन की स्टडी के लिए एक ‘मॉडल’ की तरह इस्तेमाल करते हैं.
 
ज्यादा रोने से क्या होता है?जो लोग ज्यादा रोते हैं, उनकी आंखों में इंफेक्शन बहुत कम होता है. रोने से आंखों से लाइसोजाइम नाम का तत्व निकलता है, जो आंखों को हेल्दी बनाता है. आंखों को नम और हाइड्रेटेड रखने में आंसू मदद करते हैं. ये बैक्टीरिया या एलर्जी से रक्षा करने के साथ ही आंखों में गए महीन धूल को धोकर आंखों की रक्षा भी करते हैं, जिससे जलन और इंफेक्शन का खतरा कम हो जाता है. इसके अलावा, आंसू आंखों को पोषक तत्वों, इलेक्ट्रोलाइट्स और एंजाइमों से पोषण देते हैं, जिससे आंखें हेल्दी बनी रहती हैं.
 
इमोशनल और साइकोलॉजिकल राहतआंसू आंखों के लिए हेल्दी रखने के साथ ही इमोशनल और साइकोलॉजिकल राहत भी देने का काम करते हैं. हालांकि, डॉक्टर्स का मानना है कि ज्यादा रोने से आंखों में सूजन आ सकती है, जो आंख के नेचुरल टियर बैलेंस के लिए भी खतरनाक होता है, जिससे आंखों में सूखापन महसूस होता है.
 
तीन तरह के आंसूक्या आप जानते हैं कि आंसू भी तीन प्रकार के होते हैं, जिनमें बेसल आंसू, रिफ्लेक्स आंसू और भावनात्मक आंसू शामिल हैं? बेसल आंसू आंखों को चिकनाईयुक्त और सुरक्षित रखने के लिए आंखों में लगातार बनते रहते हैं. यह पतली परत बनाते हैं, जो आंखों को हवा, धूल और प्रदूषण जैसी समस्याओं से दूर रखती है. प्याज काटने, आंख में कुछ चले जाने पर जो आंसू एक्टिव होते हैं, उन्हें रिफ्लेक्स आंसू कहा जाता है. इसका उद्देश्य आंखों से हानिकारक पदार्थों को बाहर निकालना होता है. वहीं, तीसरा है भावनात्मक आंसू, जो उदासी, खुशी या अन्य परिस्थितियों से जुड़ी होती है.–आईएएनएस
 
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.



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