Uttar Pradesh

आग की चिंगारी का प्रभाव चंदौली में वायु प्रदूषण बढ़ा, एयर क्वालिटी इंडेक्स 179 पहुंचा

चंदौली में दिवाली की खुशियों के बीच चिंता का सबब बना प्रदूषण

चंदौली में दिवाली की खुशियों के बीच चिंता का सबब बना प्रदूषण। जिले में भारी आतिशबाजी के कारण वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 179 तक पहुंच गया है, जो “असामान्य” श्रेणी में आता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इसे खतरनाक बताते हुए नागरिकों को सावधानी बरतने की सलाह दी है।

दिवाली से पहले हवा सामान्य थी, लेकिन आतिशबाजी ने इस संतुलन को बिगाड़ दिया। जानकारी के अनुसार, जिले में डेढ़ करोड़ रुपये से अधिक के पटाखे बिके, जबकि प्रशासन की ओर से केवल जिला मुख्यालय और मुगलसराय में ही बिक्री की अनुमति थी। कस्बाई इलाकों में खुलेआम पटाखे बेचे और जलाए गए। आतिशबाजी से निकला धुआं और रासायनिक गैसें हवा में घुलकर जहरीला वातावरण बना रही हैं।

यह धुआं फेफड़ों पर डालता है असर
मुख्य अग्निशमन अधिकारी रमा शंकर तिवारी ने बताया कि पटाखों में पोटेशियम, सल्फर डाइऑक्साइड और अन्य रसायन होते हैं, जो हवा में मिलकर गंभीर प्रदूषण फैलाते हैं। उन्होंने कहा, “यह धुआं सांस की नलियों में जलन, आंखों में चुभन और फेफड़ों पर असर डाल सकता है। बच्चों और बुजुर्गों को इस मौसम में विशेष सावधानी रखनी चाहिए।”

चिकित्सा महाविद्यालय के मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉ. विवेकानंद तिवारी ने कहा कि इस प्रदूषित हवा से सांस और हृदय रोगियों की स्थिति गंभीर हो सकती है। उन्होंने बताया कि दिवाली के बाद अस्पताल में आंखों में जलन, गले में खराश और सांस लेने में तकलीफ की शिकायत करने वाले मरीजों की संख्या बढ़ गई है।

वहीं, महाविद्यालय के प्रधानाचार्य प्रो. डॉ. अमित सिंह ने कहा कि “यह धुआं खासतौर पर अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए नुकसानदायक है। उन्हें घर से बाहर निकलने से बचना चाहिए और आवश्यक हो तो मास्क का प्रयोग करना चाहिए।”

बाहर जाने पर एन-95 मास्क और चश्मे का करें प्रयोग
प्रदूषण विशेषज्ञों ने नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि अनावश्यक रूप से घर से बाहर न निकलें, विशेष रूप से सुबह और रात के समय जब प्रदूषक तत्व हवा में अधिक होते हैं। बाहर जाने पर एन-95 मास्क और चश्मे का प्रयोग करें, ताकि आंखों और सांस की नलियों की सुरक्षा हो सके। साथ ही, आंखों को दिन में कई बार पानी से धोएं और ठंडे मौसम में ठंडा पानी पीने से बचें, क्योंकि धुएं के सूक्ष्म कण शरीर में जम सकते हैं।

वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के मानक के अनुसार, चंदौली की हवा अब “असामान्य” श्रेणी में है, जो लंबे समय तक स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल सकती है। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. वाईके राय ने कहा कि “दिवाली के बाद मौसम में बदलाव आता है, जिससे प्रदूषण का असर और बढ़ जाता है। ऐसे में नागरिकों को बच्चों, बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों की देखभाल में लापरवाही नहीं करनी चाहिए। उन्होंने लोगों से अपील की कि जरूरत पड़ने पर चिकित्सीय सलाह अवश्य लें और घरों में वायु शुद्ध रखने के उपाय करें।

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