वसीम अहमद/अलीगढ़. विश्व विख्यात अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में विश्वविद्यालय के संस्थापक सर सैय्यद अहमद साहब का घर मौजूद है. जो सर सैयद हाउस, सर सैयद एकेडमी संग्रहालय के नाम से भी जाना जाता है. इसी सर सैयद हाउस में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के संस्थापक की जीवन से जुड़ी कई विभिन्न चीजे मौजूद है. जो सर सैयद साहब की जिंदगी को दर्शाती है, जिन्हें देखने के लिए सैकड़ो लोग प्रतिदिन यहां आते हैं. जिसका कोई टिकट नहीं है यह बिल्कुल फ्री है. सुबह 9:00 से शाम 5:00 बजे तक यह सर सैयद हाउस लोगों के लिए खोला जाता है.

17 अक्टूबर सन 1817 में सर सैयद अहमद खान का जन्म भारत की राजधानी दिल्ली में हुआ था. सर सैयद अहमद खान को बतौर महान शिक्षक, नेता, मानव धर्म का पालन करने के साथ ही उन्हें महत्वपूर्ण रूप से मुस्लिम सुधारक के रूप में जाना जाता है. सर सैयद अहमद खान ने सन 1875 मे एक स्कूल शुरू किया जो बाद में 1920 में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के रूप में सर सैयद अहमद खान द्वारा स्थापित हुआ.

सर सैयद हाउस के नाम से जानते हैं लोग

सर सैयद अकादमी के डिप्टी डायरेक्टर डॉ मोहम्मद शाहिद बताते हैं कि सर सैयद अहमद खान साहब जब बनारस से अपनी नौकरी खत्म करके वापस आए तब 1876 में उनके बेटे सैयद महमूद ने एक मकान उनके लिए खरीदा, जिसे आज सर सैयद हाउस के नाम से लोग जानते हैं. उन्होंने सन 1876 से इस मकान में रहना शुरू किया और 1898 अपने इंतिकाल तक सर सैयद अहमद खान इसी मकान में रहे. इसके बाद 1974 में यहां सर सैयद एकेडमी कायम हुई. इसके बाद से इसी हाउस में अब तक सर सैयद एकेडमी चल रही है. इस हाउस में विश्वविद्यालय के संस्थापक सर सैयद साहब की कुछ पर्सनल चीज रखी गई है. जैसे के सर सेय्यद साहब का सोफा है, वर्किंग टेबल है, उनकी शॉल है, वाकिंग स्टिक है, कंपास है. जिसका एक ही मकसद है कि जो नौजवान पीढ़ी है, वह सर सैयद अहमद खान की जिंदगी से प्रेरणा ले.

सर सैयद साहब की जिंदगी से जुड़ी कई चीजे है मौजूद

सर सैयद हाउस में सर सैयद से जुड़ी चीजों को देखने आई यासमीन सुल्तान बताती हैं कि मैं अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की स्टूडेंट हूं और यहां से एम.ए.इकोनॉमिक्स कर रही हूं. आज मैं अपनी फैमिली के साथ यहां आई हूं. यह देखने के लिए कि यहां सर सैयद साहब खुद रहते थे और उनकी जिंदगी से जुड़ी कई चीजे यहां मौजूद है. जैसे कि उनकी वाकिंग स्टिक, सोफा, वर्किंग टेबल,कंपास और बहुत सारे बुक्स जो उन्होंने लिखे थे. जिससे हमें रिसर्च वगैरह में बहुत ज्यादा फायदा मिलता है.
.Tags: Aligarh news, History, Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : August 27, 2023, 10:27 IST



Source link