रामपुर में शत्रु संपत्ति प्रकरण को लेकर समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता आजम खान की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। पुलिस विवेचना के बाद दाखिल एडिशनल चार्जशीट पर कोर्ट ने धारा 467, 471 और 201 का संज्ञान लेते हुए उन्हें 20 सितंबर को पेश होने के आदेश दिए हैं।
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई हैं। शत्रु संपत्ति को खुर्द-बुर्द करने के मामले में कोर्ट ने उनके खिलाफ दाखिल एडिशनल चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए उन्हें 20 सितंबर को पेश होने के आदेश दिए हैं। इस चार्जशीट में धारा 467, 471 और 201 जैसी गंभीर धाराएं जोड़ी गई हैं। मामला एमपी-एमएलए कोर्ट में विचाराधीन है।
पुलिस ने शुरुआती जांच में आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को क्लीन चिट दे दी थी। लेकिन जब यह प्रकरण शासन तक पहुंचा तो मामले की गंभीरता को देखते हुए शासन ने दोबारा विवेचना के आदेश दिए। इसके बाद एसपी ने अपराध शाखा के इंस्पेक्टर को जांच सौंपी। विवेचना में सामने आया कि रिकॉर्ड रूम के अभिलेखों में हेरफेर और साक्ष्य मिटाने जैसे आरोप आज़म खान से जुड़े हैं।
पुलिस ने कोर्ट में एडिशनल चार्जशीट दाखिल की, जिसमें धारा 467 (फर्जी दस्तावेज बनाने), 471 (फर्जी दस्तावेज का इस्तेमाल) और 201 (साक्ष्य मिटाने) जैसी गंभीर धाराएं जोड़ी गईं। चार्जशीट में आजम खान की संलिप्तता स्पष्ट की गई। इस पर बचाव पक्ष ने चार्जशीट का विरोध करते हुए कोर्ट से संज्ञान न लेने की अपील की। वहीं अभियोजन पक्ष ने पुलिस की कार्रवाई को सही ठहराते हुए कहा कि विवेचना तथ्यों पर आधारित है।
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने अभियोजन के तर्कों को सही माना और एडिशनल चार्जशीट पर संज्ञान ले लिया। अब इस मामले में 20 सितंबर को आज़म खान को कोर्ट में पेश होना होगा। राजनीतिक गलियारों में इसे आजम खान के लिए एक और बड़ी चुनौती के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि इससे पहले भी उनके खिलाफ कई मुकदमे विभिन्न अदालतों में लंबित हैं।