बिहार विधानसभा चुनावों के लिए चुनाव आयोग ने एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक में बिहार के मुख्य सचिव, डीजीपी और राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी शामिल हुए। आयोग ने एजेंसियों को निर्देश दिया कि वे मतदान क्षेत्रों को मैप करें ताकि अवैध वस्तुओं, नशीले पदार्थों, शराब और नकदी के साथ-साथ नकली मुद्रा के परिवहन की जांच कर सकें।
आयोग ने एजेंसियों को यह भी निर्देश दिया कि वे बिहार में चुनावों के लिए ‘शून्य सहनशीलता’ की नीति को सुनिश्चित करें। इस नीति का उद्देश्य बिहार में चुनावों के दौरान मुक्त और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करना है। आयोग ने यह भी निर्देश दिया कि एजेंसियां बिहार के बीच राज्य सीमाओं और अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर अवैध गतिविधियों की निगरानी करें।
आयोग ने यह भी निर्देश दिया कि एजेंसियां बिहार में चुनावों के दौरान प्रत्येक कानून प्रवर्तन एजेंसी के लिए सक्रिय और पूर्वानुमानी कार्रवाई सुनिश्चित करें। आयोग ने चुनावों के दौरान उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों के द्वारा छिपी हुई खर्च को रोकने के लिए रणनीति की चर्चा की। आयोग ने यह भी निर्देश दिया कि एजेंसियां आर्थिक अपराधों के बारे में जानकारी का आदान-प्रदान और सहयोग सुनिश्चित करें ताकि प्रभावी कार्रवाई की जा सके।
बिहार अपने अंतरराष्ट्रीय सीमा के साथ नेपाल से लगता है। आयोग की समिति में 17 विभाग शामिल हैं – सीबीडीटी, सीबीआईसी, ईडी, डीआरआई, सीईआईबी, फआईयू-आईएनडी, आरबीआई, आईबीए, एनसीबी, आरपीएफ, सीआईएसएफ, बीएसएफ, सीआरपीएफ, एसएसबी, बीसीएएस, एएआई और डिपार्टमेंट ऑफ पोस्ट्स। बिहार दो चरणों में 6 और 11 नवंबर को चुनावों के लिए जाएगा, जबकि मतगणना 14 नवंबर को होगी।

