बीते दो दशकों में युवाओं में बालों की समस्याएं तेजी से बढ़ी हैं. असमय बालों का सफेद होना व गंजापन युवाओं में तनाव बढ़ा देता है. इसमें प्रदूषण व जेनेटिक कारण प्रमुख हैं, पर बालों के पोषण को लेकर हमारी अनदेखी भी कम नहीं है. सिंघुआ युनिवर्सिटी, बीजिंग में हुए एक अध्ययन के अनुसार जो पुरुष चाय, कॉफी और एनर्जी ड्रिंक्स का अधिक सेवन करते हैं, उनमें बाल झड़ने का खतरा 30 प्रतिशत तक बढ़ जाता है.
अमेरिकन हेयर लॉस एसोसिएशन ने गंजेपन से बचने के लिए खुश रहने व तनाव से बचने की सलाह दी है. तनाव से माइटोकॉन्ड्रिया में बदलाव आने लगता है, जिन्हें कोशिकाओं का पावर हाउस माना जाता है. जब इनमें बदलाव आने लगता है तो बालों से जुड़े सैकड़ों प्रोटीन भी बदलने लगते हैं. जिससे बाल सफेद होने की शुरुआत हो जाती है. पहले गंजेपन व बालों के सफेद होने को उम्र से जोड़ा जाता था, लेकिन अब 20-30 साल के युवाओं में भी ये समस्याएं सामने आ रही हैं.बालों का झड़नाहमारे बाल एक नियमित विकास चक्र से गुजरते हैं. एनाजेन फेज में, जिसकी अवधि तीन से चार वर्ष होती है, बाल बढ़ते हैं. टेलोजन फेज जो करीब तीन महीने तक चलता है, बाल आराम करते हैं. इसके बाद बाल गिर जाते हैं और इनके स्थान पर नए बाल आ जाते हैं. प्रतिदिन 50-100 बालों का गिरना सामान्य बात है. हर समय हमारे 10 प्रतिशत बाल ‘रेस्टिंग फेज’ में होते हैं और 2-3 माह बाद बाल गिर जाते हैं, फिर उनकी जगह नए बाल आ जाते हैं. कुछ लोगों में बाल गिरने की समस्या सामान्य से ज्यादा होती है. गंजेपन के कारण मानसिक तनाव भी बढ़ जाता है. हालांकि, पुरुषों में गंजेपन की समस्या अधिक होती थी. पर अब महिलाओं में भी असमय बालों की समस्याएं बढ़ रही हैं.
बालों का असमय सफेद होनाबालों को रंग एक पिगमेंट से मिलता है, जिसे मेलेनिन कहते हैं. इसका निर्माण हेयर फॉलिकल में स्थित मेलेनोसाइट कोशिकाओं से होता है. शोध साबित करते हैं कि उम्र बढ़ने पर मेलेनोसाइट को नुकसान पहुंचता है. जिसके कारण मेलेनिन का निर्माण प्रभावित होता है. इस गड़बड़ी के कारण जो नए बाल उगते हैं, उसमें कोई पिगमेंट नहीं होता, जिसके कारण वह सफेद दिखाई देते हैं. तनाव व पोषक तत्वों की कमी से भी किशोरों में बाल सफेद होते हैं. ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ लिवरपूल में हुए शोध में यह बात सामने आई है. कि जिन लोगों के बाल असमय सफेद हो जाते हैं, उनमें विटामिन बी 12 की कमी पाई जाती है.
बालों के खराब होने के कारण
जीन्स: कभी-कभी बाल सफेद होने या गंजेपन की समस्या माता-पिता या पूर्वजों से विरासत में मिलती है.प्रोटीन की कमी: बालों को काफी मात्रा में पोषण की जरूरत होती है, जिसमें से प्रोटीन बहुत महत्वपूर्ण है. जो लोग अपनी डाइट में रोज 35 ग्राम प्रोटीन का सेवन नहीं करते उनके बाल जल्दी सफेद होने लगते हैं.गलत खान-पान: अधिक मात्रा में चाय, कॉफी, अल्कोहल, मैदे, चीनी, लाल मांस, तले हुए और मसालेदार भोजन का अधिक मात्रा में सेवन पोषक तत्वों को हेयर फॉलिकल तक पहुंचने से रोकते हैं, जिससे बालों की सेहत प्रभावित होने लगती है.मिनरल्स और विटामिन की कमी: कॉपर, सेलेनियम, आयरन, कैल्शियम और विटामिन्स जैसे बी 12, फोलिक एसिड की कमी समयपूर्व बाद सफेद होने का प्रमुख कारण है.हेयर स्टाइलिंग: कम उम्र से ही बालों पर रंग, जेल, स्प्रे और हानिकारक रसायन वाले प्रॉडक्ट्स का इस्तेमाल करना बालों को कमजोर करता है, जिससे बाल झड़ना शुरू हो जाते हैं. इनके अलावा स्ट्रेटनर, ड्रायर आदि का नियमित इस्तेमाल भी बालों को नुकसान पहुंचाता है.तनाव और नींद की कमी: बालों की जड़ें कमजोर हो जाती हैं, वे आसानी से टूटकर गिरने लगते हैं. युवाओं को इनका ध्यान रखना जरूरी है.
बालों को कैसे रखें हेल्दी?- संतुलित और पोषक भोजन का सेवन करें. डाइट में प्रोटीन की मात्रा बढ़ाएं. दाल, सब्जियां, फल, साबुत अनाज, अंडा व दूध सभी शामिल करें.- बालों को बहुत कसकर न बांधें- गर्मियों में बाल ज्यादा धोए जाते हैं, इसलिए माइल्ड शैम्पू व कंडिशनर लगाएं.- हफ्ते में एक बार तेल की मालिश जरूर करें. इससे खून में सर्कुलेशन बढ़ाता है और बालों का विकास होता है.- गीले बालों में कंघी न करें, क्योंकि इससे बालों के टूटने का खतरा बढ़ जाता है. बालों को अच्छी तरह सूखने के बाद ही कंघी करें.- हर 2-3 महीने में अपने बालों की ट्रिमिंग कराएं.- सूरज की तेज रोशनी में बालों में मिनरल्स की कमी हो जाती है, जिससे वो दो मुंहे बन जाते हैं. इसलिए, ढेर सारा पानी पिएं ताकि शरीर से गंदगी बाहर निकल जाए.
No conclusive data linking higher AQI to lung diseases: Govt
In his reply, the minister said dedicated training modules have been developed in the area of air pollution…

