Which vitamin deficiency may cause anemia: एनीमिया एक ऐसा मेडिकल है जिसमें शरीर में सही मात्रा में रेड ब्लड सेल्स नहीं होते हैं. ये आरबीसी पूरे शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाने का अहम काम को अंजाम देती हैं. जब शरीर में इनकी कमी हो जाती है, तो टिशू और ऑर्गंस को भरपूर ऑक्सीजन नहीं मिल पाता, जिससे कई हेल्थ प्रॉब्लम्स हो सकते हैं. इसके पीछे एक खास विटामिन की कमी जिम्मेदार है, जो एनीमिया का एक बड़ा कारण है, जिसे “मेगालोब्लास्टिक एनीमिया” या “पर्निशियस एनीमिया” भी कहा जाता है.
विटामिन बी12 की कमी से होता है एनीमिया
विटामिन बी12, जिसे कोबालामिन भी कहा जाता है, शरीर के कई अहम कामों के लिए जरूरी है. ये डीएनए (DNA) के प्रोडक्शन और नर्वस सिस्टम की सेहत को बनाए रखने में अहम रोल अदा करता है. लेकिन इसका सबसे अहम काम लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में फोलेट (विटामिन बी9) के साथ मिलकर काम करना है.
रेड ब्लड सेल्स बोन मैरो (Bone Marrow) में बनती हैं. इनके सही डेवलपमेंट और मैच्योरिटी के लिए विटामिन बी12 और फोलेट दोनों की सही मात्रआ जरूरी है. ये दोनों विटामिन डीएनए सिंथेसिस में मदद करते हैं, जो नए सेल्स के निर्माण के लिए अहम है. जब विटामिन बी12 की कमी होती है, तो बोन मौरो में आरबीसी एब्नॉर्मल तरीके से से बड़े और इम्मैच्योर हो जाती हैं. ये सेल्स नॉर्मल तरीके से काम नहीं कर पाते और वक्त से पहले ही खत्म हो जाते हैं. इसकी वजह से शरीर में हेल्दी आरबीसी की तादाद कम हो जाती है, जिससे एनीमिया हो जाता है.
विटामिन बी12 की कमी की वजह
1. हेल्दी डाइट न लेनाविटामिन बी12 खास तौर से एनिमल प्रोडक्ट (मांस, मछली, अंडे, डेयरी) में पाया जाता है. शाकाहारी और वीगन लोगों में, जो इन चीजों का सेवन नहीं करते, इसकी कमी का रिस्क ज्यादा होता है.
2. खराब एब्जॉर्बशनये सबसे आम कारण है. जब हमारा शरीर विटामिन बी12 को सही से एब्जॉर्ब नहीं कर पाता (Malabsorption) तो इस न्यूट्रिएंट की कमी होना लाजमी है.
3. पर्निशियस एनीमियापर्निशियस एनीमिया (Pernicious Anemia) एक ऑटोइम्यून कंडीशन है जिसमें शरीर इंट्रिन्सिक फैक्टर (Intrinsic factor) नामक प्रोटीन का प्रोडक्शन नहीं कर पाता. ये प्रोटीन विटामिन बी12 को छोटी आंत में एब्जॉर्ब होने के लिए जरूरी होता है.
4. गैस्ट्रिक या आंतों की सर्जरीपेट या छोटी आंत के कुछ हिस्सों को हटाने से विटामिन बी12 का एब्जॉर्ब्शन अफेक्ट हो सकता है.
5. डाइजेशन से जुड़ी डिसऑर्डरक्रोहन डिजीज, सीलिएक डिजीज और कुछ दूसरी आंतों की परेशानियां विटामिन बी12 के एब्जॉर्ब्शन में रुकावट पैदा कर सकती हैं.
6. पेट में एसिड की कमीउम्र बढ़ने के साथ या कुछ दवाओं (जैसे प्रोटॉन पंप इनहिबिटर) के इस्तेमाल से पेट में एसिड का उत्पादन कम हो सकता है, जो विटामिन बी12 के एब्जॉर्ब्शन के लिए जरूरी होता है.
7. कुछ दवाएंडायबिटीज के कुछ दवाएं और प्रोटॉन पंप इनहिबिटर जैसी कुछ मेडिसिंस लंबे समय तक इनटेक करने पर विटामिन बी12 के एब्जॉर्ब्शन को अफेक्ट कर सकती हैं.
लक्षण और इलाज
विटामिन बी12 की कमी से होने वाले एनीमिया के लक्षणों में हद से ज्यादा थकान, कमजोरी, सांस फूलना, चक्कर आना, पीली त्वचा, जीभ में सूजन और दर्द (ग्लोसिटिस), हाथों और पैरों में सुन्नता या झुनझुनी, चलने में परेशानिया और याददाश्त से जुड़ी परेशानियां शामिल हैं.
इसका इलाड आमतौर पर विटामिन बी12 की खुराक या इंजेक्शन के जरिए किया जाता है. गंभीर मामलों में, इंजेक्शन की जरूरत हो सकती है, जबकि हल्के मामलों में ओरल सप्लिमेंट्स काफी होते हैं. डाइट में विटामिन बी12 वाले फूड आइटम्स को शामिल करना भी जरूरी है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.