अनिल कुंबले ने 7 फरवरी 1999 को पाकिस्तान के खिलाफ दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान (अब अरुण जेटली स्टेडियम) में खेले गए टेस्ट मैच की दूसरी पारी में सभी 10 विकेट लिए थे. यह टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में ऐसा करने वाले वे दूसरे गेंदबाज थे, उनसे पहले 1956 में इंग्लैंड के जिम लेकर ने यह कारनामा किया था. कुंबले के बाद न्यूजीलैंड के एजाज पटेल ने भी 2021 में एक पारी में 10 विकेट लिए हैं. दुनिया में सिर्फ ये तीन ही गेंदबाज हैं जो टेस्ट मैच की एक पारी में सभी 10 विकेट लेने का कमाल कर चुके हैं. अब भारत के एक गेंदबाज ने अनिल कुंबले वाला करिश्मा करते हुए एक पारी में 10 विकेट लेकर इतिहास रचा है. हालांकि, यह इंटरनेशनल क्रिकेट में नहीं हुआ है.
इस गेंदबाज ने झटके सभी 10 विकेट
हाल ही में तमिलनाडु क्रिकेट एसोसिएशन (TNCA) फर्स्ट डिवीजन लीग में डीटी चंद्रशेखर नाम के एक बाएं हाथ के स्पिनर ने इतिहास रचा. उन्होंने एक ही पारी में सभी 10 विकेट लेकर क्रिकेट रिकॉर्ड बुक में अपना नाम दर्ज करा लिया है. यह गेंदबाज डीटी चंद्रशेखर हैं, जिन्होंने सी हॉक्स टीम की ओर से खेलते हुए ग्लोब ट्रॉटर्स के खिलाफ यह अविश्वसनीय प्रदर्शन किया. उन्होंने अपने लगातार 15 ओवर के स्पेल में सिर्फ 37 रन देकर सभी 10 विकेट अपने नाम किए. उनकी इस शानदार गेंदबाजी की बदौलत ग्लोब ट्रॉटर्स की पूरी टीम महज 91 रनों पर ढेर हो गई और सी हॉक्स ने 10 विकेट से मुकाबला जीत लिया.
32 की उम्र में किया कमाल
डीटी चंद्रशेखर से पहले भारत में फर्स्ट क्लास क्रिकेट में एक पारी में 10 विकेट लेने का कारनामा कुछ और महान गेंदबाजों ने भी किया है, जिनमें अनिल कुंबले (टेस्ट मैच में) और एम. वेंकटारमणा (घरेलू क्रिकेट में) जैसे नाम शामिल हैं. चंद्रशेखर का यह प्रदर्शन अब घरेलू क्रिकेट में एक नया माइलस्टोन बन गया है. साधारण पृष्ठभूमि से आने वाले और मार्कर के तौर पर भी काम कर चुके चंद्रशेखर ने 2015-16 सीजन में फर्स्ट क्लास क्रिकेट में डेब्यू किया और 5 मैचों में 18 विकेट लिए. हालांकि, स्पिन की प्रतिभा से भरपूर राज्य में उन्हें इसके बाद कोई मौका नहीं मिला. बावजूद इसके 32 साल के इस खिलाड़ी ने खेल के प्रति अपने प्रेम को कम नहीं होने दिया और अब जब 10 विकेट लेने का कारनामा किया तो इसकी खुशी उनके चेहरे पर साफ दिखी.
खोई नहीं है उम्मीद
चंद्रशेखर ने इस खास मौके पर कहा, ‘मैं बहुत खुश हूं. क्रिकेट के किसी भी स्तर पर 10 विकेट लेना दुर्लभ है, इसलिए यह खास लगता है. जब मुझे छह या सात विकेट मिले, तो मुझे एहसास हुआ कि मेरे पास सभी दस विकेट लेने का मौका है.’ उन्होंने आगे कहा, ‘पिछले कुछ सालों में, मैंने अपने कौशल में सुधार किया है. जब मैं जॉली रोवर्स में था, तब मैंने आर. रामकुमार के साथ काम किया था और ओवरस्पिन, क्रीज और एंगल का इस्तेमाल करने जैसी चीजों पर फोकस किया था. मैं फ्रायर इंटरनेशनल के मैनेजमेंट और तमिल कुमारन का भी आभारी हूं, जिन्होंने मेरी मदद की.’ चंद्रशेखर ने कहा, ‘हालांकि, मैं वापसी नहीं कर पाया, लेकिन मैंने उम्मीद नहीं खोई है और अपना काम, यानी विकेट लेना, जारी रखूंगा.’