हाई शुगर और इसके कारण होने वाले हेल्थ प्रॉब्लम के बारे में अब लोगों में काफी जागरूकता आ गयी है. किसी भी चीज को खाने से पहले लोगों ने उसमें मौजूद शुगर और कार्ब्स की मात्रा पर ध्यान देना शुरू कर दिया है, जिससे वह शुगर पर कंट्रोल रख सके. लेकिन सेहतमंद और जानलेवा कंडीशन से बचने के लिए सिर्फ हाई शुगर ही नहीं बल्कि लो शुगर लेवल को लेकर भी सावधानी बरतनी जरूरी है.
लो शुगर लेवल को मेडिकल भाषा में हाइपोग्लाइसीमिया कहा जाता है. यह कंडीशन उस समय पैदा होती है, जब ब्लड शुगर का लेवल 70 mg/dL से कम हो जाता है. यह स्थिति कुछ ही मिनटों में जानलेवा भी बन सकती है, खासकर तब जब समय पर उपचार न मिले. यह समस्या केवल डायबिटीज के मरीजों में ही नहीं, बल्कि कभी-कभी सामान्य लोगों में भी देखी जा सकती है, खासकर लंबे समय तक भूखे रहने या ज्यादा फिजिकल वर्क करने के बाद. ऐसे में इसके लक्षणों को समझना जरूरी है.
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हाइपोग्लाइसीमिया के लक्षण
– बिना कारण थका हुआ महसूस होना- कांपना या झटके- ठंडे पसीने के साथ चक्कर आना- नजर धुंधली हो जाना या दो चीजें दिखना- चिड़चिड़ापन या मूड स्विंग- धड़कन तेज होना- बेहोशी
ब्लड शुगर गिरने के लिए जिम्मेदार कारक
ब्लड शुगर के बहुत ज्यादा कम होने का खतरा डायबिटीज में इंसुलिन की दवा का सही मात्रा में न लेने से होता है. इसके अलावा लंबे समय तक भूखे रहना, अल्कोहल का सेवन खाली पेट करने से भी शुगर ड्रॉप हो सकता है.
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
मेडिकल जर्नल मेयो क्लिनिक और अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन के अनुसार, बार-बार हाइपोग्लाइसीमिया की स्थिति ब्रेन को नुकसान पहुंचा सकती है और व्यक्ति को कोमा में भी डाल सकती है. विशेषज्ञ यह भी बताते हैं कि हाइपोग्लाइसीमिया की शुरुआती पहचान कर लेना और तुरंत शुगर देना जीवन रक्षक हो सकता है.
क्या करें और क्या न करें
ब्लड शुगर लो होने पर तुरंत कुछ मीठा खाएं, इसके लिए हमेशा अपने पास कुछ ग्लूकोज टैबलेट या टॉफी रखें, समय पर भोजन करें, डायबिटीज की दवाएं डॉक्टर की सलाह पर ही लें. इसके साथ ही बिना खाए दवाएं न लें बिना डाइट ज्यादा एक्सरसाइज न करें.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.