dreams can kill you link to early death more dangerous than smoking study claims | आपके सपने ले सकते हैं आपकी जान, स्टडी का दावा- स्मोकिंग से भी ज्यादा खतरनाक, असमय मौत का खतरा

admin

dreams can kill you link to early death more dangerous than smoking study claims | आपके सपने ले सकते हैं आपकी जान, स्टडी का दावा- स्मोकिंग से भी ज्यादा खतरनाक, असमय मौत का खतरा



सपने कई तरह के होते हैं, और इसके आधार पर ही इसका इफेक्ट नजर आता है. जब आप बहुत ज्यादा खुश और फ्रेश उठते हैं तो इसका कारण सिर्फ अच्छी नींद ही नहीं बल्कि सपना भी है जो आपको कंफर्ट जोन में रखता है. वहीं, कुछ सपने इतने डिस्टर्ब करने वाले या डरावने होते हैं कि मन बेचैन हो जाता है. कई लोग हांफते पसीने से तरबतर होकर उठते हैं. हालियां स्टडी में ऐसे सपनों को लेकर एक चौंकाने वाला खुलासा भी हुआ है.
यूके डिमेंशिया रिसर्च इंस्टीट्यूट और इंपीरियल कॉलेज लंदन के वैज्ञानिकों की एक स्टडी में पाया गया है कि जो लोग हर हफ्ते डरावने या बैचेन करने वाले सपने देखते हैं, उनके 70 साल की उम्र से पहले मरने की संभावना तीन गुना ज्यादा होती है. यह रिसर्च यूरोपियन एकेडमी ऑफ न्यूरोलॉजी कांग्रेस 2025 में पेश की गई. शोध में 26 से 86 साल की उम्र के 1.83 लाख से ज्यादा वयस्कों और 8 से 10 साल के 2,429 बच्चों के डेटा का विश्लेषण किया गया.
डरावने सपने के साइड इफेक्ट-
तेजी से बढ़ती है उम्र
रिसर्च में यह भी पता चला कि बार-बार आने वाले बैचेन करने वाले सपने सिर्फ नींद को बाधित नहीं करते, बल्कि तेजी से उम्र भी बढ़ाते हैं. वैज्ञानिकों ने टीलोमीयर लेंथ और एपीजेनेटिक क्लॉक जैसे सेल्स एजिंग पैरामीटर को स्टडी किया है. जिसमें जिन लोगों को अक्सर नाइटमेयर आते थे, उनमें बायोलॉजिकल एज अधिक तेजी से बढ़ती देखी गई.
तनाव बन रहा है बड़ा खतरा
इस अध्ययन को लीड करने वाले डॉ. अबिदेमी ओतायकु के अनुसार, डरावने सपने शरीर की स्ट्रेस रिस्पॉन्स सिस्टम को एक्टिव कर देते हैं. जिसके कारण ब्रेन सपनों और वास्तविकता में फर्क नहीं कर पाता, इसलिए डरावने सपने भी वही प्रभाव डालते हैं जो कोई खतरनाक घटना डालती है. इस प्रोसेस में शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन बढ़ने लगता है.
मोटापा, धूम्रपान से भी बड़ा रिस्क फैक्टर
शोध में यह चौंकाने वाली बात सामने आयी है कि बार-बार डरावने सपने आना समय से पहले मौत की संभावना में धूम्रपान, मोटापा, खराब खानपान या व्यायाम की कमी जैसे जोखिमों से भी मजबूत कारक है. 
सपनों को न करें नजरअंदाज 
डॉ. ओतायकु के अनुसार, अच्छी नींद की आदतें, स्ट्रेस मैनेजमेंट और मनोवैज्ञानिक तकनीकों के माध्यम से डरावने सपनों को कम किया जा सकता है. “इमेज रिहर्सल थेरेपी” जैसी तकनीकों में लोग अपने बुरे सपनों को बेहतर तरीके से सोचकर अभ्यास करते हैं, जिससे नाइटमेयर कम हो सकते हैं. यह तकनीक घर पर भी अपनाई जा सकती है.
इसे भी पढ़ें- 30 की उम्र से भी पहले गंजे हो रहे पुरुष, क्या है मेंस में हेयर फॉल का कारण, यहां समझें
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है. 
 



Source link