आज के समय में हार्ट अटैक से मौत के मामले बहुत ज्यादा बढ़ गए हैं. इसका कारण तुरंत इलाज न मिला भी है. कई बार व्यक्ति हॉस्पिटल पहुंचने में ही दम तोड़ देता है. जबकि हार्ट अटैक को फर्स्ट एड से कुछ समय के लिए टाला जा सकता है.
जी हां, हाल ही में एमबीबीएस, एम डी डॉक्टर बिमल छाजेड़ ने राज शमानी के पॉडकास्ट में यह जानकारी दी है कि कैसे हार्ट अटैक से होने वाली मौत को काफी हद तक टाला जा सकता है, और इसके लिए क्या करना चाहिए. लेकिन इससे पहले समझिए कि क्या होता है हार्ट अटैक?
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हार्ट अटैक कैसे होता है?
हार्ट अटैक तब होता है जब दिल को ऑक्सीजन पहुंचाने वाली खून की धमनियों में रुकावट आ जाती है. यह आमतौर पर प्लाक के जमाव के कारण होता है, जो वसा, कोलेस्ट्रॉल और अन्य पदार्थों का जमाव है. जब यह प्लाक फट जाता है, तो इससे रक्त का थक्का बन जाता है हार्ट की मांसपेशियों को खून नहीं पहुंच पाता है, जिससे हार्ट अटैक आ जाता है.
हार्ट अटैक के लक्षण
हार्ट अटैक के दौरान आमतौर पर सीने में दर्द, जकड़न, दबाव या भारीपन महसूस होता है . यह दर्द छाती से शुरू होकर बाएं हाथ, कंधे, गर्दन, जबड़े, पीठ या कमर की ओर फैल सकता है.
हार्ट अटैक आने पर क्या करें?
कार्डियोलॉजी एक्सपर्ट डॉ. बिमल बताते हैं कि हार्ट अटैक हो रहा है इसका मतलब है कि धमनियों में क्लॉट बन चुका है. इसे तोड़ने के लिए 3 दवाओं डिस्प्रिन, क्लोपिदोग्रेल और एटोरवास्टेटिन (कोलेस्ट्रॉल की दवा) के मिश्रण को देना चाहिए.
इस अनुपात में लें डोज
धमनी में बने थक्के को घोलने के लिए 1 डिस्प्रिन, 2 क्लोपिडोग्रेल और 1 एटोरवास्टेटिन की टेबलेट को चबाकर खा लें. या इसे पानी में घोल कर पी लें.