नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव में राजनीतिक दलों को अल (AI) का दुरुपयोग करने से रोकने के लिए चेतावनी दी है ताकि वे गहरे फेक्स (Deepfakes) बना सकें या जानकारी को विकृत कर सकें। गुरुवार को आयोग ने एक बयान में यह भी याद दिलाया कि चुनाव प्रचार के लिए अपने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म या विज्ञापन के रूप में साझा किए जाने वाले अल-जनरेटेड (Al-generated) या सिंथेटिक (Synthetic) सामग्री को स्पष्ट रूप से लेबल करने के लिए उसकी निर्देशों का पालन करना होगा। दलों, सितारे अभियानकर्ताओं और उम्मीदवारों को यह स्पष्ट करना होगा कि सामग्री “अल-जनरेटेड” (Al-generated), “डिजिटली एनहांस्ड” (Digitally Enhanced) या “सिंथेटिक कंटेंट” (Synthetic Content) है। आयोग ने सोशल मीडिया पोस्ट पर कड़ी निगरानी की घोषणा की है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि चुनावी माहौल खराब न हो। आयोग ने कहा, “चुनाव आयोग ने यह सलाह दी है कि दलों को अल-आधारित उपकरणों का दुरुपयोग करने से बचना चाहिए जिससे जानकारी को विकृत किया जा सके या सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर गलत जानकारी का प्रसार किया जा सके। चुनाव प्रक्रिया की अखंडता को बनाए रखने की आवश्यकता है।”
चुनाव आयोग ने पिछले लोकसभा चुनावों के दौरान भी एक सेट निर्देश जारी किए थे जिससे दलों को अल का दुरुपयोग रोकने के लिए प्रोत्साहित किया गया था ताकि गलत जानकारी का प्रसार रोका जा सके। बिहार में चुनाव दो चरणों में 6 और 11 नवंबर को होंगे और मतगणना 14 नवंबर को होगी।