कई लोगों में उंगलियां चटकाने की आदत होती है. जहा लोग अपनी इस हैबिट को रिलेक्सिंग बताते हैं, वहीं अक्सर बुजुर्ग इस आदत पर टोका-टाकी करते हैं और कहते हैं कि इससे उंगलियां कमजोर हो जाती हैं या आर्थराइटिस जैसी गंभीर बीमारी भी हो सकती है. आर्थराइटिस एक लाइलाज बीमारी है. इसमें जोड़ों में लगातार दर्द और सूजन बनी रहती है, जिससे मूवमेंट करना भी मुश्किल हो जाता है. वैसे तो ये बीमारी बुजुर्गों में अधिक कॉमन है, लेकिन लाइफस्टाइल की आदतों की वजह से इसकी चपेट में युवा भी आ रहे हैं.
लेकिन क्या वाकई उंगलियां चटकाना भी उन जोखिम कारको में शामिल है, जो गठिया की बीमारी का कारण बन सकती है? आयुर्वेद और यूनानी चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. सलीम जैदी ने एक न्यूज साइट को इस आम धारणा पर सच और मिथक में फर्क बताया है, जिसे यहां हम आपको डिटेल और आसान भाषा में बता रहे हैं.
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क्या उंगलियां चटकाने से आर्थराइटिस होता है?
डॉ. जैदी के अनुसार, अब तक हुए शोध बताते हैं कि जो लोग सालों तक उंगलियां चटकाते हैं, उनमें आर्थराइटिस की समस्या उतनी ही होती है जितनी उन लोगों में जो यह आदत नहीं रखते. यानी उंगलियां चटकाने से गठिया नहीं होता.
उंगलियां चटकने की वजह
जब हम उंगलियां चटकाते हैं तो हड्डियां नहीं चटकतीं, बल्कि हड्डियों के बीच मौजूद गैस के बुलबुले फटते हैं, जिससे क्रैक जैसी आवाज आती है.
क्या उंगलियां चटकाना ठीक है?
विशेषज्ञ मानते हैं कि यह आदत अच्छी नहीं है और लंबे समय तक करने पर उंगलियों की पकड़ (ग्रिप) थोड़ी कम हो सकती है. हालांकि, इससे कोई गंभीर बीमारी या आर्थराइटिस नहीं होता. फिर भी, इस आदत से बचना बेहतर है.
अर्थराइटिस का कारण
अर्थराइटिस का जोखिम बढ़ती उम्र, आनुवंशिक कारण, जोड़ों में चोट, संक्रमण, मेटाबॉलिक समस्याएं जैसे गाउट, मोटापा, फिजिकल एक्टिविटी में कमी के कारण बढ़ता है.
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Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.