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Do you also make these mistakes related to your child’s diaper? It can harm his health – News18 हिंदी



ऋषभ चौरसिया/लखनऊ: आज के समय में डायपर हर माता-पिता की पहली पसंद बन चुके हैं. खासकर जब बात बच्चों को गीलेपन से बचाने की आती है. चाहे वो घर से बाहर जाने का समय हो, कोई समारोह हो या बच्चों को रातभर सुखद नींद देने की बात हो, डायपर्स ने अपना एक विशेष स्थान बना लिया है.

हालांकि, हर सिक्के के दो पहलू होते हैं और डायपर का उपयोग भी इससे अछूता नहीं है. डायपर्स के अनगिनत लाभों के बावजूद इसके कुछ नकारात्मक प्रभाव भी हैं, जो बच्चों की सेहत पर भारी पड़ सकता  है. लखनऊ के प्रसिद्ध बाल विशेषज्ञ डॉ. संजय निरंजन कहते हैं कि बच्‍चे को डायपर पहनाना हाइजनिक है. इससे न केवल बच्‍चा साफ-सुथरा रहता है, बल्कि उसके आसपास का एरिया, बिस्‍तर, कपड़े आदि भी साफ रहते हैं. इसके अलावा यह मां के लिए सुविधाजन भी है. क्‍योंकि डायपर को साफ नहीं करना पड़ता, सीधे डिस्‍पोज कर दिया जाता है.

बच्चे को नुकसान पहुंचाता है डायपर 

डायपर केमिकल और सिंथेटिक मटेरियल से बनता है और इसे लंबे समय तक बच्चे को पहनाए रखने से ये बच्चे को नुकसान पहुंचाता है. ऐसे में इसमें मौजूद केमिकल बच्चे की नाजुक त्वचा के जरिए शरीर में जाते हैं और टॉक्सिसिटी पैदा करते हैं.जबकि डायपर बनाने के लिए जिस मटेरियल का इस्तेमाल किया जाता है वो बच्चे के पेशाब को अब्सॉर्ब करने में मदद करता है. लेकिन यही मटेरियल बच्चे के डायपर के अंदर हवा जाने से भी रोकता है, जिसकी वजह से डायपर में बैक्टीरिया और जर्म्स पैदा होने लगते हैं और बच्चे को इन्फेक्शन होने का खतरा बन जाता है. इसलिए बच्चे का डायपर बार-बार बदलते रहें.

रैशेज और छाले हो सकते हैं

बच्चों की स्किन काफी सेंसिटिव होती है. लंबे समय तक गीले गंदे डायपर में रहने से डायपर में बैक्टीरिया पैदा होने लगते हैं, जो त्वचा पर रैशेज और छाले पैदा कर सकते हैं. ऐसे में बच्चे को रैशेज से बचाने के लिए समय-समय पर बच्चे का डायपर बदलते रहें और उसकी साफ सफाई का भी ध्यान रखें.

24 घंटे डायपर में न रखें

डॉ. संजय निरंजन के अनुसार डायपर का प्रयोग मुख्यतः छोटे बच्चों के लिए ही उचित है. क्योंकि नवजात शिशु दिन में कई बार मल-मूत्र विसर्जन करते हैं. यदि डायपर गीला हो जाए या भरने लगे तो उसे तुरंत बदल देना चाहिए. दो या तीन बार पेशाब होने का इंतजार न करें. पॉटी होने पर डायपर को फौरन बदलें और बच्चे के मल-मूत्र वाले हिस्से को गीले कॉटन से आगे से पीछे की ओर साफ़ करें. डायपर पहनाने से पहले, किसी तेल या मॉइश्चराइज़र का प्रयोग करना न भूलें. वहीं बच्चे को 24 घंटे डायपर न पहनाए रखें.
.Tags: Health tips, Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : April 7, 2024, 09:30 IST



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