Uttar Pradesh

Diwali 2022: दिवाली पर पटाखे जलाते समय भूलकर भी न करें ये गलतियां, पढ़िए Safety टिप्स



रिपोर्ट: विशाल झा
गाजियाबाद: दिवाली का त्योहार खुशियों का होता है. पटाखे जलाना और आतिशबाजी दिवाली का ही हिस्सा है. आतिशबाजी के भी कई प्रकार है जैसे फुलझड़ी की, और स्काई शॉट सहित अन्य पटाखों की. थोड़ी सी भी लापरवाही होने पर दिवाली का त्योहार फीका पड़ जाता है और बड़ी घटना हो जाती है. जिसमें जानमाल दोनों की हानि हो सकती है. युवा पीढ़ी सोशल मीडिया पर फॉलोअर्स बढ़ाने के लिए कई बार इन खतरनाक पटाखों के साथ स्टंट करते हैं. हाथों में ही पटाखे फोड़ने की वीडियो बनाते हैं ताकि सोशल मीडिया पर लाइक बटोर सके. दिल्ली सरकार द्वारा 1 जनवरी 2023 तक राष्ट्रीय राजधानी में सभी प्रकार के पटाखों के स्टोरेज, बिक्री और इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है.
उत्तर प्रदेश सरकार ने एनसीआर के अपने शहरों में किसी भी प्रकार के पटाखों की बिक्री या पटाखा जलाने पर रोक लगा दी है. हालांकि 27 ऐसे शहर है. जिसमें सिर्फ 2 घंटे के लिए ग्रीन पटाखे जलाने की अनुमति दी गई है.
इन बातों का रखना चाहिए ध्यान1- खुले एरिया में हमेशा पटाखे जलाने चाहिए. घर के अंदर चकरी या अनार नहीं जलाना चाहिए. इससे आग लगने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है. जिस दुकान के पास लाइसेंस हो उनसे ही पटाखे खरीदें क्योंकि मार्केट में मिल रहे लोकल पटाखों के फूटने के चान्सेस ज्यादा रहते हैं. पटाखे को खरीदने के बाद उसे किसी बंद कंटेनर में रखा जा सकता है. पटाखों का स्टोरेज करते वक्त ये ध्यान रखना चाहिए की आसपास कोई जलने वाली वस्तु ना हो. सास की समस्या हो तो घर पर ही रहे. जिस जगह पर पटाखे जलाए जा रहे हैं वहां ना जाए.
2- सबसे पहले क्या करना चाहिएसबसे पहले कोई कपड़ा या कंबल लेकर आग को बुझाने की कोशिश करनी चाहिए. इसके पीछे का कांसेप्ट है ताकि आग को ऑक्सीजन ना मिल सके. ऑक्सीजन मिलने पर आग और बढ़ जाती है. इसके बाद जली हुई स्किन को करीब 5 मिनट तक पानी में रखें. इसके तुरंत बाद करीबी डॉक्टर या बर्न स्पेशलिस्ट को दिखाएं. आंखों में जलन होने पर अनदेखा ना करें और उसे आंखों के डॉक्टर से दिखाएं.
3- बर्न के विभिन्न प्रकारों को ऐसे समझेA: फर्स्ट डिग्री बर्न: स्किन की पहली परत रेड और ड्राई हो जाए जिस में जलन भी हो रही हो. लेकिन स्किन नहीं छिली हो तभी इसे फर्स्ट डिग्री बर्न कहते है. दिवाली पर ज्यादातर हादसे फर्स्ट डिग्री बर्न के ही देखे जाते हैं.
सेकेंड डिग्री बर्न: स्किन की पहली परत निकल जाए और दूसरी परत दिखने लगे. जब स्किन की दूसरी परत को बर्न इंपैक्ट पहुंचता है तब इसको सेकंड डिग्री बर्न कहते हैं. इस वक्त काफी तेज पेन हो सकता है. स्किन में स्वेलिंग जैसी समस्या भी देखने को मिल सकती है.
थर्ड डिग्री बर्न: जब स्क्रीन की दोनों परत जल जाती है और बर्न इंपैक्ट ब्लड वेसल्स, खून वाली नस या तक की हड्डियों तक पहुंच जाती है. तब इसे थर्ड डिग्री बर्न कहते हैं. यह स्टेज काफी खतरनाक होता है.
4- पटाखे जलाते वक्त पहने ये कपड़ेपटाखे जलाते वक्त विशेष ध्यान रखें कि लंबे और ढीले वस्त्र ना पहने. फिटिंग के सूती कपड़ों को पटाखे जलाने के लिए अनुकूल माना जाता है. इसके अलावा जूते जरूर पहन ले. सिंथेटिक कपड़ों का परहेज करें. क्योंकि उनकी ज्वलनशील संभावना अधिक होती है. पटाखे जलाने वक्त अपने बालों को अच्छी तरीके से बांध ले, जिनके लंबे बाल है. उनको बाल बांध के ही पटाखे जलाने चाहिए.
5- अस्थमा या एलर्जी के मरीज कैसे पटाखे जलाएंअस्थमा या एलर्जी के मरीजों को पटाखे जलाने से बचना चाहिए. अगर आप N-95 मास्क लगाकर भी पटाखे जलाएंगे तो भी आप प्रदूषण का शिकार हो जाएंगे. अपनी आंखों को लगातार धोते रहें. अपने पास अपनी दवाइयां और इनहेलर जरूर रखें. सांस लेने में तकलीफ हो रही हो तो दिवाली वाले दिन अपने कमरे से बाहर ना निकले. पटाखों से निकलने वाली जहरीली गैस से जैसे कार्बन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड, सल्फर ऑक्साइड हवा में धूल के आपके फेफड़ों को बीमार बनाती है.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Diwali Celebration, Firecracker Ban, Ghaziabad News, Green Crackers, UP newsFIRST PUBLISHED : October 23, 2022, 10:39 IST



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