विकाश कुमार/ चित्रकूट: आप सब ने बचपन में मेले तो बहुत देखे होंगे और घूमा भी होगा. लेकिन आप ने शायद ही गधों के मेलो के बारे में सुना होगा.आप को बता दे की भारत का इकलौता गधों का मेला धर्म नगरी चित्रकूट में मंदाकिनी नदी के पास वर्षों से लगता आ रहा है. यहां अलग-अलग प्रदेशों से व्यापारी खच्चर-गधे लेकर चित्रकूट पहुंचते हैं.यहां खच्चरों-गधों की बोली लगायी जाती है. यहां खरीदारों के साथ-साथ मेला घूमने वालों की भी भारी भीड़ भाड़ रहती है.मेले की मान्यता है कि मुगल शासक औरंगजेब जब चित्रकूट पहुंचा तो रसद और असलहे ढोने वाले गधे और खच्चर बीमार पड़ने लगे और इनकी कमी होने लगी. इस पर किसी ने उसको सलाह दी कि यहां पर गधों का मेला लगाया जाए और मनमाफिक गधे और खच्चर खरीद लिए जाएं. इसके बाद से यहां खच्चरों और गधों का मेला लगने लगा.दो दिवसीय होता है मेलाजानकारी के लिए बता दें कि चित्रकूट में लगने वाला ये मेला दीपावली के दूसरे दिन लगता है.इस दो दिवसीय मेले में लाख रुपये तक के जानवर बिक जाते हैं. उम्दा नस्ल के जानवर यहां बचने और खरीदने के लिए लोग आते हैं.रोचक होते हैं गधों के नामचित्रकूट में लगने वाले इस मेले में बारे में मेले के आयोजक मुन्ना ने बताया कि ज्यादातर गधों और खच्चरों के नाम बहुत रोचक होते हैं.फिल्मी सितारों के नाम पर इनके नाम रखे जाते हैं.इस बार भी सलमान, शाहरुख आदि नामों के मवेशी मेले में आने की पूरी संभावना है. जानकारी के लिए बता दे की पिछली बार इस मेले में एक गधा करीब एक लाख में बिका था..FIRST PUBLISHED : November 13, 2023, 11:55 IST
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