Last Updated:September 19, 2025, 06:38 ISTDisha Patni House Firing Case: दिशा पाटनी के घर फायरिंग केस में बरेली की हाई-फाई टेक्नोलॉजी ने अहम भूमिका निभाई. आई ट्रिपल सी सेंटर और 1400 हाई-फाई कैमरों की मदद से पुलिस ने होटल के कमरा नंबर 9 और गोल्डी बराड़ गैंग के शूटर रविंदर और अरुण को जल्द ही पकड़ लिया.Bareilly News: बरेली में लगे हाईटेक कैमरे से रविंदर और अरुण तक पहुंची पुलिस
रामविलास सक्सेना/बरेली. झुमका सिटी नाथनगर बरेली में अब अपराधियों के लिए अपने मंसूबों को अंजाम देना आसान नहीं होगा. प्रदेश सरकार की खास सौगात से बरेली अब हाई-फाई टेक्नोलॉजी से लैस हो चुका है. बरेली को मिली इस हाई-फाई टेक्नोलॉजी ने दिशा पाटनी के घर हुई फायरिंग केस में अपनी उपयोगिता साबित कर दी है. प्रदेश सरकार की मदद से स्मार्ट सिटी के तमाम प्रोजेक्ट के साथ आई ट्रिपल सी यानी इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर की सौगात भी बरेली को मिली है. बरेली शहर में चारों ओर से घुसते ही तीसरी आंख निगरानी शुरू कर देती है. निगरानी ऐसी कि बचना मुश्किल ही नहीं बल्कि नामुमकिन है. इसी वजह से पुलिस ने बेहद कम समय में पहले होटल के कमरा नंबर 9 और फिर गोल्डी बराड़ गैंग के शूटर रविंदर और अरुण तक पहुंचकर उन्हें ढेर कर दिया.
बांस बरेली या फिर झुमका सिटी, चाहे फिर नाथ नगरी बरेली अब बेहद हाईटेक है. यहां पर तीसरी आंख का सख्त पहरा है. प्रदेश सरकार की ओर से बरेली को स्मार्ट सिटी के तहत आई ट्रिपल सी यानी इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर की खास सौगात मिली है. यहां हाई टेक्नोलॉजी से पूरे बरेली शहर के अंदर और बाहर 176 पॉइंट पर करीब 1400 हाई-फाई कैमरे निगरानी कर रहे हैं. इन कैमरों के जरिए निगरानी के लिए इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर बनाया गया है, जहां हर वक्त पुलिस कर्मचारी और टेक्नोलॉजी के जानकार वॉच करते हैं.
आई ट्रिपल सी ने की मदद
स्मार्ट सिटी अधिकारी मयंक द्विवेदी के अनुसार, इस आई ट्रिपल सी की मदद से ही पुलिस और एसटीएफ के हाथ गोल्डी बराड़ गैंग के शूटर रविंदर और अरुण तक बेहद कम समय में पहुंच गए. रविंदर और अरुण घटना से 2 दिन पहले ही 10 सितंबर को बरेली पहुंचे थे और बरेली के एक होटल में अलग-अलग रुक गए थे. सभी शूटर ने दिशा पाटनी के घर की रेकी की और बेखौफ होकर वारदात को अंजाम दिया. शूटर रविंदर ने बरेली पहुंचकर पुराने रोडवेज बस स्टैंड के पास एक होटल में 10 सितंबर को किराए पर कमरा लिया. कमरे का 1000 रुपए किराया जमा किया. होटल मैनेजर ने उसे कमरा नंबर 9 बुक कर दिया. वह 11 सितंबर तक इसी होटल में रहा. इस दौरान होटल में आने-जाने की सारी गतिविधियां कैमरों में कैद हो गईं.
तीसरी आंख में कैद हुई वारदात
रविंदर अपने साथियों के साथ कैसे बरेली शहर में दाखिल हुआ, यह भी तीसरी आंख ने कैद कर लिया. जब रविंदर ने अरुण के साथ दिशा पाटनी के घर पर ऑटोमेटिक असलाह से फायरिंग की, तो वह तीसरी आंख की निगरानी से बच नहीं सका और कमरे में कैद हो गया. तीसरी आंख की वजह से पुलिस बेहद आसानी से शूटर रविंदर और अरुण तक पहुंच गई. इस दौरान पुलिस ने बरेली शहर के अंदर दाखिल होने के सभी रास्तों पर लगे करीब 1400 कैमरों को चेक किया
अब बरेली में अपराधियों का बचना मुश्किल
फिलहाल प्रदेश सरकार की ओर से बरेली को स्मार्ट सिटी के तहत मिली आई ट्रिपल सी यानी इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर की सौगात ने दिशा पाटनी के घर हुई फायरिंग केस से यह साबित कर दिया है कि अगर बरेली में आकर अपराध करने की कोशिश की तो बचना मुश्किल ही नहीं बल्कि नामुमकिन है.
Amit Tiwariवरिष्ठ संवाददाताअमित तिवारी, News18 Hindi के डिजिटल विंग में प्रिंसिपल कॉरेस्पॉन्डेंट हैं. वर्तमान में अमित उत्तर प्रदेश की राजनीति, सामाजिक मुद्दों, ब्यूरोक्रेसी, क्राइम, ब्रेकिंग न्यूज और रिसर्च बेस्ड कवरेज कर रहे हैं. अख़बार…और पढ़ेंअमित तिवारी, News18 Hindi के डिजिटल विंग में प्रिंसिपल कॉरेस्पॉन्डेंट हैं. वर्तमान में अमित उत्तर प्रदेश की राजनीति, सामाजिक मुद्दों, ब्यूरोक्रेसी, क्राइम, ब्रेकिंग न्यूज और रिसर्च बेस्ड कवरेज कर रहे हैं. अख़बार… और पढ़ेंLocation :Bareilly,Uttar PradeshFirst Published :September 19, 2025, 06:38 ISThomeuttar-pradeshकैसे शूटर रविंद्र और अरुण तक पहुंची STF? इस प्रोजेक्ट से काम हुआ आसान