भारत में लोगों की खानपान की आदतें समय के साथ बदल रही हैं. हाल ही में सरकार द्वारा जारी की गए कंजप्शन एक्सपेंडिचर सर्वे के आंकड़ों के अनुसार जहां पहले लोग ज्यादा मात्रा में सब्जियां और दालें खाते थे, वहीं अब दूध, अंडे और मांसाहारी खाद्य पदार्थों का सेवन बढ़ गया है.
सर्वे के अनुसार, देश में एक एवरेज व्यक्ति दूध पर 500 से 350 रुपए तक महीना खर्च करता है. वहीं, सब्जियों पर सिर्फ 290-250 रूपए तक ही खर्च कर रहा है. ऐसे में इस बदलाव का आपके सेहत पर क्या प्रभाव पड़ सकता है ये समझना जरूरी है-
डाइट में सब्जियां का महत्व
WHO के अनुसार, फल और सब्जियां हेल्दी डाइट का एक अहम हिस्सा है. फलों और सब्जियों का कम सेवन खराब स्वास्थ्य और गैर-संचारी रोगों के बढ़ते जोखिम से जुड़ा है. अनुमान है कि 2017 में दुनिया भर में 3.9 मिलियन मौतें अपर्याप्त फल और सब्जियों के सेवन के कारण हुईं.
कम वेजिटेबल खाने होने वाली बीमारी
डाइट में वेजिटेबल की पर्याप्त मात्रा न शामिल होने के कारण क्रोनिक डिजीज जैसे- हार्ट डिजीज, स्ट्रोक, कैंसर, मोटापा, हाई बीपी, रेस्पिरेटरी प्रॉब्लम जैसी बीमारियों के होने का रिस्क बहुत ज्यादा बढ़ सकता है.
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डाइट में कितना होना चाहिए वेजिटेबल
डब्लूएचओ प्रतिदिन 400 ग्राम से ज्यादा फल और सब्जियां खाने की सलाह देता है. साथ ही अलग-अलग फल और सब्जियों को डाइट में शामिल करना जरूरी है, जो विटामिन, खनिज और फाइबर की पर्याप्त आपूर्ति को सुनिश्चित करता है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
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