गाजियाबाद. दिल्ली एयरपोर्ट का दबाव कम करने के लिए बना हिंडन टर्मिनल, अब खुद दबाव में है. गाजियाबाद का हिंडन सिविल टर्मिनल एयरपोर्ट सितंबर 2019 में केंद्र सरकार की उड़ान (UDAN) योजना के तहत आम जनता के लिए खोला गया था. हिंडन एयरपोर्ट से पहली फ्लाइट ने पिथौरागढ़ के लिए उड़ान भरी थी. शुरुआत में कुछ सीमित रूट्स पर छोटे विमानों की उड़ानें चलाई गईं. धीरे-धीरे हिंडन एयरपोर्ट ने रफ्तार पकड़ी. मार्च 2025 में एयर इंडिया ने कोलकाता, बेंगलुरु, गोवा और मुंबई जैसे प्रमुख शहरों के लिए सीधी उड़ानें शुरू कीं. इसके बाद इंडिगो ने भी जुलाई 2025 से हिंडन से उड़ानें शुरू कर दीं और बेंगलुरु, कोलकाता, चेन्नई, पटना, अहमदाबाद जैसे शहरों को इससे जोड़ा.
हिंडन एयरपोर्ट बनाए जाने का मकसद साफ था कि यह एयरपोर्ट दिल्ली एयरपोर्ट पर दबाव कम करे और गाजियाबाद, नोएडा व आसपास के लोगों को घरेलू उड़ानों की सीधी सुविधा मिले. लेकिन अब आधारभूत तैयारियों की असलियत भी सामने आने लगी है. हिंडन एयरपोर्ट से अब हर दिन 22 फ्लाइट उड़ान भर रही हैं. यात्रियों की संख्या भी रोजाना ढाई हजार के पार पहुंच गई है. लेकिन हैरानी की बात यह है कि इतना बड़ा ऑपरेशन होने के बावजूद एयरपोर्ट की बुनियादी सुविधाएं आज भी अधूरी हैं.
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न पार्किंग की ठीक व्यवस्था, न बैठने की जगहहिंडन एयरपोर्ट पर भीड़ बढ़ रही है, लेकिन टर्मिनल बिल्डिंग छोटी पड़ चुकी है. कई बार यात्रियों को बाहर खड़े होकर इंतजार करना पड़ता है. अंदर बैठने के लिए कुर्सियां कम हैं और एयरलाइंस के चेक-इन काउंटरों पर लंबी कतारें लग रही हैं. मार्च 2025 से एयर इंडिया ने यहां से उड़ानें शुरू कीं. अब इंडिगो और दूसरी एयरलाइंस भी दिल्ली के साथ हिंडन से उड़ानें चला रही हैं. बेंगलुरु, मुंबई, कोलकाता, गोवा, पटना जैसे शहरों के लिए फ्लाइटें मिल रही हैं. लेकिन जैसे-जैसे यात्री बढ़े, सुविधाओं की कमी सामने आने लगी. बारिश के दिनों में रनवे पर जलभराव और रात के समय उड़ानों पर पाबंदी जैसी दिक्कतें हो रही हैं. भीड़ और अव्यवस्था के चलते एयर इंडिया एक्सप्रेस ने मुंबई रूट 30 और 31 जुलाई के लिए बंद कर दिया है. कंपनी का कहना है कि जब तक स्थायी समाधान नहीं होता, तब तक इस रूट को दोबारा शुरू करना मुश्किल है. अगर कोई टेक्निकल दिक्कत या देरी हो जाए, तो उड़ान रद्द करनी पड़ती है.
मिनिस्टर से भी बात करूंगा…
एयरपोर्ट को बड़ा करने की योजना काफी समय से चल रही है. 9 एकड़ जमीन लेकर टर्मिनल, पार्किंग और अन्य सुविधाओं को बढ़ाने की योजना है, लेकिन अब तक सिर्फ सर्वे तक ही बात पहुंची है. जमीन अधिग्रहण और मंजूरी की प्रक्रिया बहुत धीमी है. गाजियाबाद के सांसद अतुल गर्ग कहते हैं कि मैंने एविएशन चेयरमैन को पत्र लिखा है. जब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकलता, तब तक जरूरत पड़ने पर कुछ फ्लाइट्स कम की जा सकती है. उम्मीद है कि बहुत जल्द प्लेन की पार्किंग के लिए पर्याप्त जगह मिल जाएगी. उसके बाद फ्लाइट्स की संख्या भी बढ़ाई जाएगी. इस मामले में मैं एविएशन मिनिस्टर से भी बात करूंगा ताकि स्थायी हल निकाला जा सके.
पूरी तरह नहीं थे तैयार
सांसद अतुल गर्ग के अनुसार, फिलहाल एयरपोर्ट पर पार्किंग स्पेस की समस्या है. बीते दिनों अहमदाबाद में हुई प्लेन दुर्घटना के बाद जो नए नियम लागू हुए हैं, वे मेंटेनेंस को लेकर बेहद सख्त हैं. अब छोटी से छोटी बात को भी नजरअंदाज नहीं किया जा रहा. सुरक्षा और सावधानी के लिहाज से यह जरूरी भी है. नए नियमों का पूरी तरह पालन किया जा रहा है, जिसकी वजह से कुछ परेशानियां आ रही हैं. बहुत जल्द सभी स्थितियां सामान्य हो जाएंगी. कुछ दिनों के लिए फ्लाइट्स का कैंसिल होना गलत नहीं है, बल्कि यह अच्छा है ताकि जब यात्री आएं तो पूरी तरह से सुनिश्चित और सुरक्षित महसूस करें. फ्लाइट्स की संख्या से ज्यादा जरूरी सुरक्षा है. कुछ जमीन अलॉट हुई है जिस पर तेजी से काम चल रहा है. हालांकि जितनी तेजी से फ्लाइट्स की संख्या बढ़ी है, शायद हम उसके लिए पूरी तरह तैयार नहीं थे.