मेरठ: दिल्ली-एनसीआर से जुड़े क्षेत्रों में लगातार वायु प्रदूषण की स्थिति खराब बनी हुई है. नोएडा, गाजियाबाद, हापुड़ और मेरठ की बात करें तो लोगों को सांस लेने में भी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, मेरठ में सोमवार सुबह आठ बजे तक वायु प्रदूषण के रियल-टाइम आंकड़ों के अनुसार 357 का एक्यूआई दर्ज किया गया. हालांकि, यह अन्य दिनों के मुकाबले कम है. रविवार को 405 एक्यूआई रिकॉर्ड हुआ था.
कूड़े के ढेर बढ़ा रहे हैं परेशानी
वायु प्रदूषण की रोकथाम को लेकर भले ही प्रशासन विभिन्न प्रकार के प्रयास कर रहा हो, लेकिन शहरभर में कई स्थानों पर बने कूड़े के ढेर वायु प्रदूषण को बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं. मेरठ, मवाना, किला रोड, गढ़ रोड, हापुड़ रोड सहित कई क्षेत्रों में असामाजिक तत्वों द्वारा कूड़े के ढेर में आग लगा दी जाती है.
कूड़े में मौजूद प्लास्टिक और अन्य रसायनिक पदार्थों के जलने से उत्पन्न बैक्टीरिया और धुआं हवा को गंभीर रूप से दूषित करता है. इससे लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है. हालांकि, सोमवार की सुबह मेरठवासियों के लिए अन्य दिनों की तुलना में थोड़ी राहतभरी रही.
इस तरह बदल रहे हैं आंकड़े
बताते चलें कि मेरठ के सबसे अधिक प्रदूषित क्षेत्रों की बात करें तो सोमवार को जयभीम नगर, गंगानगर और पल्लवपुरम फेज-2 में भी कुछ राहत देखने को मिली है. www.aqi.in के अनुसार, गंगानगर में 318 AQI, जयभीम नगर में 348 AQI, पल्लवपुरम फेज-2 में 314 AQI दर्ज हुआ. वहीं रविवार को गंगानगर में 390, जयभीम नगर में 372 और पल्लवपुरम फेज-2 में 370 AQI रहा था.
शनिवार को स्थिति और भी खराब थी. गंगानगर में 431 AQI, जयभीम नगर में 507 AQI और पल्लवपुरम फेज-2 में 485 AQI दर्ज किया गया था. डॉ. अरविंद कुमार का कहना है कि इस समय विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है क्योंकि प्रदूषण के साथ-साथ ठंड भी बढ़ रही है, जिससे लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.

