Last Updated:July 06, 2025, 11:59 ISTकिसान राधेश्याम ने बताया कि वह सबसे पहले खेत को अच्छे से समतल करके. इसमें क्यारियां बनाकर पहले से तैयार की गई. इसके बाद पौधों को प्रति एक मीटर पर पांच पौधों को रोप देते हैं. इसी बाद समय से इसमें सिंचाई करते हैं…और पढ़ेंफर्रुखाबाद जिले के किसान खेती में नए-नए प्रयोग करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं. अब किसान पारंपरिक खेती के अलावा नगदी फसलों पर भी विशेष ध्यान दे रहे हैं. जिसके कारण कमाई के रास्ते भी खुल गए हैं. ऐसे समय पर यहां के किसान अब इस खेती के जरिए मोटी कमाई भी कर रहे हैं.अपने खेतों में उगा रहे हैं धान की फसल. जिससे उनको हो रही है अच्छी खासी कमाई वह भी कम लागत में. प्रति बीघा दो हजार रुपए आती हैं लागत. वहीं धान की खेती करने वाले किसान बताते हैं कि वह लगातार कई दसको से यह फसल करते आ रहे हैं. इससे उन्हें कभी भी नुकसान नहीं बल्कि लाखों रुपए का फायदा ही हुआ है.
फर्रुखाबाद के किसान खेती में नए-नए प्रयोग करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं. अब किसान पारंपरिक खेती के अलावा नगदी फसलों पर भी विशेष ध्यान दे रहे हैं. जिसके कारण कमाई के रास्ते भी खुल गए हैं. ऐसे समय पर यहां के किसान खेती के जरिए मोटी कमाई भी कर रहे हैं.अपने खेतों में उगा रहे हैं धान की फसल. प्रति बीघा दो हजार रुपए लागत आती हैं. वहीं धान की खेती करने वाले किसान बताते हैं कि वह लगातार कई दसको से यह फसल करते आ रहे हैं. इससे उन्हें कभी भी नुकसान नहीं बल्कि लाखों रुपए का फायदा ही हुआ है.
प्रति बीघा दो से तीन हजार रुपए की लागत आती
किसान राधेश्याम ने लोकल 18 से कहा कि वह बचपन से ही खेती किसानी वाले मध्यम परिवार से हैं. अब भी खेती करती आ रही हैं. जिससे उन्हें तगड़ी कमाई होती हैं. इस फसल से उन्हें आज तक नुकसान नहीं हुआ बल्कि लागत से आठ गुना अधिक मुनाफा हो जाता है. वहीं आमतौर पर प्रति बीघा दो से तीन हजार रुपए की लागत आती है. वही एक बार फसल तैयार होने के बाद पहले करते हैं धान की बिक्री इसके बाद निकलने वाले पौधों की होती है जैविक खाद तैयार करने के साथ ही चारे में भी प्रयोग होता है.
क्या है खेती का तरीकाकिसान ने बताया कि वह सबसे पहले खेत को अच्छे से समतल करके. इसमें क्यारियां बनाकर पहले से तैयार की गई. इसके बाद पौधों को प्रति एक मीटर पर पांच पौधों को रोप देते हैं. इसी बाद समय से इसमें सिंचाई करते हैं. फिर जब पौधे बड़े होने लगते हैं तो इनको इसमें सिंचाई करते हैं. वही नब्बे दिनों के बाद धान पक जाते है. जिन्हें पौधे से अलग करने के बाद मंडी में बिक्री कर देते हैं. इसके बाद जब पौधों से निकल जाती हैं. तो इसके पौधे को खेत में ही हरी खाद के रूप के प्रयोग कर लेती हैं. वही कुछ किसान इन पौधों को पशुओं के आहार के लिए चारे में भी प्रयोग करते है.
4 सालों से कर रहे धान की खेतीकिसान राधेश्याम ने बताया कि वह पिछले चार वर्षों से लगातार खेती करते आ रहे हैं. उनके घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी. दूसरा कोई काम खेत में काम करने वाला न होने के कारण अब वह घर की जिम्मेदारी संभालने के साथ ही खेती में भी निपुण हो गए हैं. इस समय इन्होंने अपने खेतों में धान की फसल बो रखी है. ऐसे में यहां पर इस समय खेत में खाद देने और सिंचाई करने का कार्य कर रहे हैं.Location :Farrukhabad,Uttar Pradeshhomeagricultureधान की रोपाई करते समय अपनाएं ये खास तरीका, बंपर होगी उत्पादन