Despite awareness 80 pc people of Kerela do not get cancer screening done | जागरूकता के बावजूद इस राज्य के 80% लोग नहीं करवाते कैंसर की स्क्रीनिंग, सर्वे में सामने आई चौंकाने वाली सच्चाई

admin

Despite awareness 80 pc people of Kerela do not get cancer screening done | जागरूकता के बावजूद इस राज्य के 80% लोग नहीं करवाते कैंसर की स्क्रीनिंग, सर्वे में सामने आई चौंकाने वाली सच्चाई



आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग बीमारी से ज्यादा उसके नाम से डरते हैं. कैंसर को लेकर जागरूकता तो खूब फैली है, लेकिन जब बात समय रहते जांच की आती है, तो ज्यादातर लोग इससे कतराते हैं. हाल ही में केरल में हुआ एक सर्वे यही कहानी बयां करता है – लोग कैंसर के खतरे को समझते तो हैं, लेकिन उसे पकड़ने के उपायों से अब भी दूरी बनाए हुए हैं.
केरल में एसोसिएशन ऑफ मेडिकल एंड पीडियाट्रिक ऑन्कोलॉजिस्ट्स ऑफ केरल (AMPOK) द्वारा कराए गए एक नए सर्वे ने यह चौंकाने वाला खुलासा किया है कि राज्य के 80% लोग कभी कैंसर की स्क्रीनिंग नहीं करवाते, जबकि 90% से अधिक लोगों को यह अच्छी तरह पता है कि तंबाकू और शराब कैंसर के बड़े कारण हैं. यही नहीं, 84% लोगों ने यह भी माना कि उन्हें खुद कैंसर होने का खतरा है, इसके बावजूद वे जांच नहीं करवा रहे.
एक्सपर्ट का क्या कहना?AMPOK के ऑर्गेनाइजिंग चेयरमैन डॉ. अजू मैथ्यू के अनुसार, “लोगों में सामान्य जागरूकता तो अच्छी है, लेकिन वैक्सीनेशन, जेनेटिक टेस्टिंग और समय रहते स्क्रीनिंग जैसे जरूरी उपायों को लेकर भारी जानकारी की कमी है. यही नहीं, युवाओं में नशे की लत को लेकर सेलेब्रिटीज के असर पर भी लोगों में चिंता है, जो पब्लिक हेल्थ के लिए खतरा है.
सकारात्मक पहलूहालांकि, सर्वे में कुछ सकारात्मक पहलू भी सामने आए. केवल 17% लोग कैंसर को मौत की गारंटी मानते हैं और 66% लोगों का मानना है कि कैंसर से जुड़ा अब कोई सामाजिक कलंक नहीं रहा. AMPOK के ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ. बोबन थॉमस का कहना है कि कई तरह के कैंसर अब डायबिटीज या हाई ब्लड प्रेशर जैसी क्रॉनिक कंडीशन माने जा सकते हैं. समय रहते पहचान होने पर इलाज की सफलता दर 99% तक हो सकती है.
कैसे हुआ अध्ययनयह सर्वे अक्टूबर से दिसंबर 2024 के बीच 2,443 प्रतिभागियों पर किया गया, जिनमें से 2,361 केरल निवासी थे. इनमें 63% महिलाएं थीं और ज्यादातर की उम्र 31 से 65 वर्ष के बीच थी. लेकिन अभी भी 18% लोग मोबाइल फोन को कैंसर से जोड़ते हैं और 25% लोग सुरक्षित कीटनाशकों को भी कैंसर का कारण मानते हैं, जो दर्शाता है कि मिथकों को तोड़ने की अभी भी सख्त जरूरत है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.



Source link