Health

Demand for generic medicines increased 40 percent patients left branded medicines | बदल रही लोगों की सोच! जेनेरिक दवाओं की बढ़ी मांग, 40 प्रतिशत मरीजों ने छोड़ी ब्रांडेड दवाएं



केंद्र सरकार की कोशिशों से जेनेरिक दवाओं को लेकर आम लोगों की सोच बदल रही है. जन औषधि केंद्रों पर बिक्री धीरे-धीरे बढ़ रही है. वहीं, सेंट्रम इंस्टीट्यूशनल रिसर्च की एक रिपोर्ट के अनुसार पश्चिम भारत के एक दवा वितरक ने माना है कि 40% मरीजों ने ब्रांडेड छोड़कर जेनेरिक दवाएं लेनी शुरू कर दी हैं.
रिपोर्ट के अनुसार इसका कारण यह है कि डॉक्टर प्रिस्क्रिप्शन में साल्ट का नाम लिख रहे हैं. मरीजों को यह आसानी से मिल रही है. जेनेरिक दवाओं की बढ़ती पैठ और जन औषधि स्टोर की बढ़ती संख्या से दवाओं की कीमत में कमी आने की उम्मीद है. जेनेरिक दवाएं आम तौर पर ब्रांडेड की तुलना में 50 से 60 प्रतिशत तक सस्ती होती हैं.क्या है सरकार का लक्ष्य?केंद्र सरकार का लक्ष्य 2026 के अंत तक जन औषधि केंद्रों की संख्या ढाई गुना बढ़ाकर 25,000 करने का है. अभी देश के 753 जिलों में 10,373 केंद्र हैं. इन पर रोज 10 लाख लोग जा रहे. 2023 में इनसे 1236 करोड़ रुपए की दवाएं बिकीं. ऐसे में लोगों ने ब्रांडेड दवाएं न खरीदकर अपने 7,416 करोड़ रुपये बचाए. घरेलू बाजार में जन औषधि की हिस्सेदारी 4 से 4.5% तक है. देश में सबसे ज्यादा केंद्र उत्तर प्रदेश (1,481) में हैं. जेनेरिक दवाओं के बढ़ते चलन से सरकार के लिए भी यह एक बड़ी उपलब्धि है. सरकार का मानना है कि इससे दवाओं की कीमतें कम होंगी और लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध होंगी.
जेनेरिक दवाएं क्या हैं?जेनेरिक दवाएं ऐसी दवाएं हैं जो मूल या ब्रांडेड दवाओं के समान सक्रिय तत्वों से बनी होती हैं. इनमें मूल दवाओं के समान प्रभाव होता है, लेकिन इनकी कीमत आमतौर पर कम होती है.
जेनेरिक दवाओं के फायदे- जेनेरिक दवाएं ब्रांडेड दवाओं की तुलना में काफी सस्ती होती हैं.- जेनेरिक दवाएं मूल दवाओं के समान ही प्रभावी होती हैं.- जेनेरिक दवाएं आसानी से उपलब्ध होती हैं.
जेनेरिक दवाओं के उपयोग के लिए सुझाव- जेनेरिक दवाओं का उपयोग करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें.- जेनेरिक दवाओं की एक्सपायरी डेट चेक करें.- जेनेरिक दवाओं को स्टोर करने के लिए सही तापमान और आर्द्रता का ध्यान रखें.



Source link

You Missed

comscore_image
Uttar PradeshSep 16, 2025

बलिया के टॉप सरकारी स्कूल: ये हैं बलिया के टॉप सरकारी स्कूल, इनके सामने प्राइवेट स्कूल भी फेल, जानिए क्या है खासियत

बलिया के टॉप सरकारी स्कूल, जिन्होंने प्राइवेट स्कूलों को पीछे छोड़ दिया है बलिया जिले के पांच प्राथमिक…

Scroll to Top