Uttar Pradesh

Delhi- NCR Air quality: दिल्ली- एनसीआर की हवा ‘बेहद खराब’, वायु की गुणवत्ता ‘Red Zone’ में पहुंचने की आशंका



नई दिल्ली. दिल्ली से सटे इलाके नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद की आबोहवा एक बार फिर से बिगड़ने लगी है. लगातार पांचवें दिन सोमवार को हवा की क्वालिटी ‘खराब’ स्तर पर रिकॉर्ड की गई है. सोमवार शाम भी दिल्ली के आनंद विहार के पास वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी 345 दर्ज की गई. हालांकि, सोमवार को तेज हवा चलने के बाद इसमें कुछ हद तक सुधार देखने को मिला. लेकिन, अगर अगले कुछ दिनों में बारिश नहीं होती है तो वायु प्रदूषण रेड जोन में जा सकता है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CBCB) के अनुसार सोमवार दोपहर बाद दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 200 के नीचे थे. वहीं, ग्रेटर नोएडा में हवा की गुणवत्ता 330 बेहद की खराब दर्ज की गई है.

सीपीसीबी के मुताबिक, 0 से 50 के बीच के एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) को अच्छा माना जाता है, 51 से 100 के बीच को संतोषजनक, 101 से 200 के बीच मध्यम और 201 से 300 के बीच के एक्यूआई को हवा की खराब श्रेणी माना जाता है. 301 से 400 के बीच अगर एक्यूआई है तो इसे बहुत खराब और अगर 400 से ऊपर एक्यूआई लेवल हो जाता है तो हवा की गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में गिनी जाती है.

​सर्दियां शुरू होते ही दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता प्रभावित होने लगी है, जिससे निपटने के लिए ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान लागू किया जा रहा है. (PTI File Photo)

सितंबर में पराली की कितनी हुई घटनाएंबता दें कि अक्टूबर और नवंबर में दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण के स्तर में तेजी आ जाती है. इसके पीछे पंजाब और हरियाणा में धान की पराली जलाने को एक प्रमुख कारण माना जाता है. इस साल हरियाणा और पंजाब में पराली जलाने की घटनाएं बढ गई हैं. अकेले हरियाणा में सितंबर से लेकर अबतक 350 से अधिक घटनाएं हो चुकी हैं. वहीं, पंजाब में तकरीबन 1100 घटनाएं अब तक हुई हैं. दिल्ली के एलजी ने हरियाणा और पंजाब से सीएम को पत्र लिख कर अपने यहां किसानों से बातचीत करने के लिए कहा है. सक्सेना ने पत्र में लिखा है कि पराली की आग की घटनाओं में तेजी हो गई है. ऐसे में वायु प्रदूषण से बचाने के लिए उपचारात्मक उपाय करने की सख्त जरूरत है.

दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का लेवल बढ़ने लगादिल्ली में सर्दियों के मौसम में दिल्ली-एनसीआर की हवा खराब हो जाती है, जिससे सांस और फेफड़ों के मरीजों काफी दिक्कत आनी शुरू हो जाती हैं. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड आंकड़ों से पता चलता है कि पूर्वी दिल्ली के आनंद विहार,नंदनगरी और दिलशाद गार्डेन जैसे इलाकों हवा प्रदूषित हो गई है. बाहरी दिल्ली के रोहिणी, पश्चिम विहार, मंगोलपुरी और नांगलोई जैसे इलाकों में भी हवा कमजोर श्रेणी में पहुंच गई है.

पहली अक्टूबर से ग्रेडिड रैस्पांस एक्शन प्लान यानी GRAP को लागू कर दिया जाएगा.

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क्या कहते हैं मौसम के जानकारमौसम के जानकार राजेश कुमार की मानें तो दिल्ली में ठंड जैसे-जैसे बढ़ेगी हवा की गुणवत्ता खराब होने की संभवाना से इंकार नहीं किया जा सकता है. दिल्ली सरकार ने इस महीने के शुरुआत में ही दिल्ली में ग्रैप सिस्टम लागू किया था, लेकिन इसके लागू होने के बाद भी प्रदूषण पर कंट्रोल नहीं हो सका है. पिछले साल ही जुलाई में जीआरएपी में संशोधन किया गया था. ग्रैप नियमों में संशोधन से पहले, प्रदूषण स्तर एक विशिष्ट सीमा तक पहुंचने के बाद निर्माण और विध्वंस गतिविधियों, हाई एमिशन वाले वाहनों के प्रवेश और कोयले और जलाऊ लकड़ी के उपयोग पर प्रतिबंध लगाया जाता था.
.Tags: Air pollution, Air Quality Index AQI, Delhi-NCR NewsFIRST PUBLISHED : October 16, 2023, 18:21 IST



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