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Delhi health expert said Knee surgery is dangerous for diabetic patients can cause serious side effects | दिल्ली के डॉ. ने बताया- डायबिटिक पेशेंट्स के लिए घुटने की सर्जरी खतरनाक, हो सकते हैं ये साइड इफेक्ट्स



भारतीय शोधकर्ताओं के एक नए अध्ययन के अनुसार, डायबिटीज में न केवल घुटनों में दर्द और जोड़ों में डैमेज का हाई रिस्क होता है, बल्कि घुटने की रिप्लेसमेंट सर्जरी के बाद इन्फेक्शन और खून के थक्के जमने का खतरा भी बढ़ा सकता है. यह स्टडी नई दिल्ली के वर्धमान मेडिकल कॉलेज और सफदरजंग अस्पताल के शोधकर्ताओं ने किया, जिसमें इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल और फोर्टिस सी-डॉक अस्पताल के एक्सपर्ट भी शामिल थे.
अध्ययन में पाया गया कि डायबिटीज से पीड़ित लोगों में घुटने की सर्जरी के बाद जोड़ों में इन्फेक्शन (पेरीप्रोस्थेटिक जॉइंट इन्फेक्शन या पीजेआई) का खतरा 43 प्रतिशत अधिक होता है. इसके अलावा, डीप वेन थ्रोम्बोसिस या डीवीटी यानी खून के थक्के जमने का रिस्क भी 45 प्रतिशत ज्यादा होता है. शोधकर्ताओं ने बताया कि डायबिटीज का असर सर्जरी पर पड़ता है, जिससे शारीरिक कार्यक्षमता और जीवन की गुणवत्ता प्रभावित होती है. खराब ब्लड शुगर मैनेजमेंट सर्जरी के परिणामों को और खराब करता है.
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मौत का भी खतरा
डीवीटी से फेफड़ों की धमनियों में रुकावट (पल्मोनरी एम्बोलिज्म) हो सकती है, जो मृत्यु का कारण भी बन सकती है. इसके अलावा स्टडी में मधुमेह के मरीजों में अस्पताल में दोबारा भर्ती होने की दर भी 28 प्रतिशत अधिक पाई गई. विशेष रूप से, इंसुलिन लेने वाले डायबिटीज रोगियों में सर्जरी के दौरान और बाद में 60 प्रतिशत अधिक मुश्किलें देखी गईं.
ब्लड शुगर कंट्रोल रहने पर ही सर्जरी कराएं
अध्ययन में सुझाव दिया गया कि मधुमेह के मरीजों के लिए सर्जरी से पहले बेहतर ब्लड शुगर नियंत्रण और जोखिम प्रबंधन रणनीतियों की जरूरत है. यह अध्ययन जर्नल ऑफ ऑर्थोपेडिक्स में प्रकाशित हुआ है और इसमें व्यवस्थित समीक्षा और मेटा-एनालिसिस के आधार पर निष्कर्ष निकाले गए हैं. शोधकर्ताओं ने सुझाव दिया कि भविष्य में और गहन अध्ययन किए जाएं ताकि ब्लड शुगर नियंत्रण के लिए मानक दिशा निर्देश बनाए जा सकें और डायबिटीज के मरीजों में सर्जरी के रिस्क को कम करने के लिए बेहतर रणनीतियां विकसित की जा सकें.
-एजेंसी-



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