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रक्षा मंत्रालय ने 79,000 करोड़ रुपये की खरीद प्रस्तावों को मंजूरी दी

भारतीय नौसेना के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि लीपीडी (LPDs) द्वारा प्रदान की गई समुद्री क्षमता नौसेना को शांति बनाए रखने के लिए, मानवीय सहायता, आपदा प्रबंधन आदि कार्यों को करने में मदद करेगी।

नौसेना द्वारा ALWT की शुरुआत की गई है, जो नौसंचालन और प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला (Naval Science and Technological Laboratory) और DRDO द्वारा विकसित की गई है। यह ALWT क्षमता है जो सामान्य, परमाणु और छोटे स्विमिंग संचालन को लक्षित कर सकती है।

भारतीय नौसेना और भारतीय तटीय रक्षा में 30 मिमी एनएसजी (NSGs) की खरीद से कम तीव्रता वाले समुद्री कार्यों को करने और आतंकवादी गतिविधियों को रोकने में मदद मिलेगी।

भारतीय सेना के लिए, नाग मिसाइल प्रणाली (ट्रैक्ड) एमके-II (NAMIS), जमीनी आधारित इलेक्ट्रॉनिक इंटेलिजेंस सिस्टम (GBMES) और उच्च गति वाले वाहनों (HMVs) की खरीद के लिए मंजूरी दी गई है। नाग मिसाइल प्रणाली की खरीद से सेना की क्षमता बढ़ेगी जो दुश्मन के लड़ाकू वाहनों, बंकरों और अन्य खेती की सुरक्षा को नष्ट कर सकती है। GBMES दुश्मन की गतिविधियों की इलेक्ट्रॉनिक इंटेलिजेंस प्रदान करेगा, जिससे दुश्मन की गतिविधियों का पता लगाया जा सकेगा।

उच्च गति वाले वाहनों की शुरुआत से सेना को विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में लॉजिस्टिक सहायता में महत्वपूर्ण सुधार होगा। रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि यह निर्णय सेना को विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में लॉजिस्टिक सहायता में महत्वपूर्ण सुधार करेगा।

भारतीय वायु सेना के लिए, डीएसए (DAC) ने सहयोगी लंबी दूरी के लक्ष्य नष्ट करने/नष्ट करने के प्रणाली (CLRTS/DS) की खरीद को मंजूरी दी। इसके अलावा, वायु सेना के कुछ अन्य खरीद प्रस्तावों को भी मंजूरी दी गई है।

CLRTS/DS की क्षमता है जो स्वतंत्र रूप से उड़ान भरने, उतरने, नेविगेट करने, लक्ष्य की पहचान करने और mission क्षेत्र में भारित करने में सक्षम है।

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