Uttar Pradesh

दांतों के दर्द, बदबू और पीलापन से परेशान, तो आजमाएं 2500 वर्ष पुराना यह देसी इलाज, चमक उठेगी फिर से बत्तीसी

जौनपुर: आधुनिक युग में दांतों की सड़न, बदबू और पीलेपन की समस्या आम हो चुकी है. गलत खानपान, मीठे खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन और अनियमित ब्रशिंग से लोग कम उम्र में ही दांतों की बीमारियों का शिकार हो रहे हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि करीब 2500 साल पहले महर्षि सुश्रुत ने ऐसे देसी नुस्खे बताए थे, जो आज भी दांतों की रक्षा करने में उतने ही प्रभावी हैं जितने तब थे?

डॉ. गौरव प्रकाश, दंत विशेषज्ञ, बताते हैं कि यदि हम सुश्रुत संहिता में वर्णित प्राकृतिक उपायों को अपनाएं, तो न सिर्फ दांतों की बदबू और पीलापन दूर किया जा सकता है, बल्कि कैविटी (Cavity) जैसी गंभीर समस्या से भी बचा जा सकता है. उन्होंने कहा कि महर्षि सुश्रुत ने दांतों की सफाई के लिए नीम की दातून को सर्वोत्तम बताया है. नीम में प्राकृतिक एंटीबैक्टीरियल तत्व होते हैं, जो मुंह के बैक्टीरिया को नष्ट करते हैं और बदबू को रोकते हैं.

डॉ. गौरव के अनुसार, रोज सुबह नीम की दातून से दांत साफ करने पर दांतों में कीड़े नहीं लगते और मसूड़े मजबूत होते हैं. इसके अलावा, त्रिफला चूर्ण (आंवला, हरड़ और बहेड़ा का मिश्रण) को हल्के गुनगुने पानी में मिलाकर कुल्ला करने से दांतों पर जमी परत (प्लाक) हट जाती है और पीलापन धीरे-धीरे खत्म होता है. सुश्रुत ने दांतों की सफेदी और मजबूती के लिए सेंधा नमक और सरसों के तेल के मिश्रण से मालिश करने की भी सलाह दी है. यह तरीका दांतों की जड़ों को मजबूत बनाता है और कैविटी बनने से रोकता है.

आधुनिक विज्ञान भी मानता है असरडॉ. गौरव प्रकाश बताते हैं कि आधुनिक डेंटल साइंस भी अब पारंपरिक उपचारों की उपयोगिता को स्वीकार कर रहा है. नीम और त्रिफला में मौजूद एंटीसेप्टिक और एंटीऑक्सीडेंट गुण बैक्टीरिया को पनपने से रोकते हैं. इससे न सिर्फ कैविटी और मसूड़ों की सूजन से राहत मिलती है, बल्कि सांस की दुर्गंध भी दूर होती है. डॉ. गौरव का कहना है कि ज्यादातर मरीज ब्रश तो करते हैं, पर गलत तरीके से. ब्रशिंग का सही तरीका और प्राकृतिक उत्पादों का इस्तेमाल दांतों की उम्र बढ़ाता है. हर तीन महीने में ब्रश बदलना और दिन में दो बार कुल्ला करना जरूरी है.

खानपान में सुधार भी जरूरीदांतों की सुरक्षा केवल ब्रशिंग पर नहीं, बल्कि भोजन की आदतों पर भी निर्भर करती है. मीठा, सोडा और पैकेटबंद खाद्य पदार्थ दांतों का सबसे बड़ा दुश्मन है. डॉ. गौरव सलाह देते हैं कि इनसे दूरी बनाकर दूध, फल, सब्जी और पर्याप्त पानी का सेवन करें. रोज सुबह गुनगुने पानी में एक चुटकी नमक डालकर कुल्ला करने से भी मुंह में बैक्टीरिया नहीं पनपते हैं. यह एक आसान घरेलू तरीका है जो हर उम्र के व्यक्ति अपना सकता है.

दांतों की चमक लौटाना है तो अपनाएं देसी तरीकाआज जहां महंगे टूथपेस्ट और केमिकलयुक्त प्रोडक्ट्स भी असर नहीं दिखा पा रहे, वहीं महर्षि सुश्रुत का यह प्राचीन नुस्खा फिर से लोकप्रिय हो रहा है. नीम की दातून, त्रिफला और नमक-तेल से मालिश जैसे प्राकृतिक उपाय दांतों को मजबूत, चमकदार और कैविटी-रहित बनाते हैं. डॉ. गौरव प्रकाश कहते हैं कि सुश्रुत का विज्ञान आज भी उतना ही प्रभावी है, बस हमें उसे अपनाने की जरूरत है. अगर आप भी अपनी मुस्कान को चमकदार बनाना चाहते हैं, तो महर्षि सुश्रुत के इस देसी नुस्खे को अपनाएं, इससे न सिर्फ बदबू और पीलापन जाएगा, बल्कि आपकी बत्तीसी फिर से दमक उठेगी.

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