लखनऊः दिल्ली बम ब्लास्ट मामले में यूपी एटीएस के गिरफ्त में डॉ. परवेज को लेकर बड़ी जानकारी सामने आई है. डॉ. परवेज लखनऊ की इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में बतौर प्रोफेसर नौकरी कर रहा था. हालांकि उसने 07 नवंबर को इस्तीफा दे दिया था. उसने अपना इस्तीफा ईमेल के जरिए यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन को भेजा था. परवेज ने इस्तीफा देने से पहले किसी से कोई बात भी नहीं की थी और ना ही इंटीग्रल यूनिवर्सिटी से रिलीविंग लेटर भी लिया था।
परवेज ने चार साल तक इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में नौकरी की थी. उसके साथ के कर्मचारी बताते हैं कि परवेज बहुत ही चुप रहता था. शाम को यूनिवर्सिटी के ग्राउंड में टहलता था. किसी से ज़्यादा कुछ बात नहीं करता था. यूनिवर्सिटी में उसकी किसी से दोस्ती भी नहीं थी. परवेज इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में एसिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर था. उसकी सैलरी एक लाख 70 हज़ार रुपये थी, जो कि एक लाख 20 हज़ार रुपये से ज्यादा थी. जब परवेज ने इंटीग्रल यूनिवर्सिटी ज्वाइन किया था, तब वह दाढ़ी नहीं रखता था. बताया यह भी जा रहा है कि इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में नौकरी के लिए परवेज की तरफ से दो रेफ्रेंस दिए गए थे. एक उसकी बहन शाहीन ने किया था और दूसरा तमीम क़ासिम नदवी थे.
परवेज के घर से यूपी एटीएस ने मोबाइल फोन्स, हार्ड डिस्क और डॉक्यूमेंट्स बरामद किया है. परवेज शाहीन का भाई है, जो कि मास्टरमाइंड है. शाहीन ने सभी डॉक्टर्स के साथ मिलकर टीम तैयार की थी. हालांकि अभी सभी जेल की सलाखों के पीछे हैं. जांच एजेंसियां दिल्ली, हरियाणा, यूपी और एमपी में जांच कर रही हैं.

