CT स्कैन मशीन का इस्तेमाल अस्पतालों, क्लीनिक और लैब में हेल्थ एक्सपर्ट द्वारा शरीर को स्कैन करके आंतरिक चोटों से लेकर कैंसर के शुरू होने तक की जानकारी प्राप्त करने के लिए किया जाता है. लेकिन अमेरिका में हाल ही में प्रकाशित एक नई स्टडी ने इस तकनीक के अत्यधिक इस्तेमाल को लेकर गंभीर सवाल उठे हैं.
जामा इंटरनल मेडिसिन में प्रकाशित स्टडी के मुताबिक, CT स्कैन से निकलने वाली रेडिएशन से हर साल हजारों लोग कैंसर का शिकार हो रहे हैं. इस स्टडी में दावा किया गया है कि अमेरिका में हर साल होने वाले लगभग 5% नए कैंसर मामलों की वजह CT स्कैन से जुड़ी रेडिएशन है.
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CT स्कैन क्या है?
CT स्कैन यानी कंप्यूटेड टोमोग्राफी स्कैन एक विशेष प्रकार की एक्स-रे मशीन है जो शरीर के अंदरूनी हिस्सों की 3D इमेज तैयार करती है. यह साधारण एक्स-रे से कहीं ज्यादा साफ और गहराई से जानकारी देता है.
कैसे होता है CT स्कैन
CT स्कैन में एक मशीन शरीर के चारों ओर घूमती है और अलग-अलग एंगल से एक्स-रे लेती है. इसके बाद कंप्यूटर की मदद से उन तस्वीरों को जोड़कर एक डिलेट इमेज तैयार की जाती है, जिससे डॉक्टर अंगों, हड्डियों, नसों और टिशू की स्थिति को साफ देख पाते हैं. इसका इस्तेमाल आंतरिक चोट, ब्रेन स्ट्रोक, कैंसर, ब्लड क्लॉट, फेफड़ों की समस्या जैसे मामलों में होता है.
क्या कहती है नई स्टडी?
शोधकर्ताओं ने स्टडी में बताया कि अमेरिका पिछले 15 सालों में सीटी स्कैन 30% बढ़ी है. जिसमें से 5% कैंसर के मरीज इस रेडिएशन का शिकार हो सकते हैं. यानी की हर साल 103000 लोगों को इससे कैंसर हो रहा है.
क्या यह खतरा सच में बड़ा है?
हालांकि सभी विशेषज्ञ इस स्टडी से सहमत नहीं हैं. डेनमार्क के हेर्लेव अस्पताल के वरिष्ठ डॉक्टर लार्स थॉर बजॉर्न जेनसन ने स्टडी की आलोचना करते हुए कहा कि यह अधूरी जानकारी पर आधारित है. उनका कहना है कि स्टडी में यह नहीं बताया गया कि हर मरीज को कितनी रेडिएशन दी गई और कितनी बार स्कैन किया गया. कई बार स्कैन उन मरीजों पर किया जाता है जो पहले से कैंसर से पीड़ित होते हैं. ऐसे में अतिरिक्त रेडिएशन से उनके लिए नया खतरा नहीं बनता.
CT स्कैन का इस्तेमाल कब करें?
विशेषज्ञ मानते हैं कि CT स्कैन जरूरी होने पर ही किया जाना चाहिए. सिर्फ आशंका के आधार पर बार-बार स्कैन कराना सही नहीं है.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.