Health

corneal blindness risk now young people are getting affected along 20 to 25000 new cases every year | कोर्नियल ब्लाइंडनेस का बढ़ा खतरा, चपेट में आ रहे 30 से कम उम्र के लोग, हर साल 20-25000 नए मामले



कॉर्नियल ब्लाइंडनेस दुनिया भर में अंधेपन का चौथा कारण है. ये तब होता है जब आंखों के सामने का पारदर्शी हिस्सा, कॉर्निया धुंधला या धब्बेदार बन जाता है. इसका रिस्क  इंफेक्शन, चोट, लैंस, स्टेरॉयड आई ड्रॉप के कारण बढ़ जाता है. अभी तक इसे बढ़ती उम्र की बीमारियों में शामिल किया जाता रहा है, लेकिन हाल ही में इसके मामले नौजवानों में भी देखने के लिए मिल रहे हैं. 
कॉर्नियल ब्लाइंडनेस अब भारत में अंधेपन की दूसरी सबसे बड़ी वजह बन गया है, और यह सालाना हजारों लोगों को अपना शिकार बना रही है. इंडियन सोसायटी ऑफ कॉर्निया और केराटो-रिफ्रैक्टिव सर्जन के एक्सपर्ट हाल ही में दिल्ली में एक तीन दिन के सेमिनार में शामिल हुए थे. उनके अनुसार, भारत में हर साल 20-25000 कॉर्नियल ब्लाइंडनेस के नए केस दर्ज हो रहे हैं और ये नंबर और भी बढ़ रहा है.
इसे भी पढ़ें- Food For Dengue Patient: डेंगू से फास्ट रिकवरी के लिए खाएं ये 4 सुपरफूड्स, शरीर में बढ़ेगी ताकत, खत्म होगी कमजोरी
 
अधिकतर मरीज 30 से कम
एम्स नई दिल्ली के प्रोफेसर राजेश सिन्हा ने इस बारे में बात करते हुए कहा कि भारत में कॉर्नियल ब्लाइंडनेस के बहुत सारे केस सामने आ रहे हैं, जिनमें से अधिकतर मरीज 30 साल से कम उम्र के हैं. नौजवान लोग अपनी आंखें खो रहे हैं, वो भी ऐसे कारणों से जिन्हें टाला जा सकता है.
जागरूकता की कमी
सिन्हा ने आगे कहा कि कॉमन इंफेक्शन, जागरूकता की कमी और घावों का इलाज न करवाना, ये कुछ वजहें हैं जिनके कारण लोग अंधे बन रहे हैं. ट्रॉमा से जुड़ी चोटें जो खेती, मजदूरी या फिर इंडस्ट्रियल काम में होती हैं, नौजवानों में इसका मुख्य कारण बन रही हैं.  इनका अधिकतर लोग इलाज नहीं करवाते या फिर घरेलू इलाज करते हैं जिसकी वजह से संक्रमण बढ़कर खतरनाक बन जाता है.
देश में विटामिन ए कमी बड़ी समस्या
एक्सपर्ट ने ये भी बताया कि देश के अधिकतर हिस्सों में विटामिन ‘ए’ की कमी भी बच्चों सहित जवानों में इस बीमारी का मुख्य कारण बन रही है. डॉ. इकेदा लाल ने कहा कि ये बहुत ही हैरान करने वाला है कि हम 2025 में भी हजारों आंखें उन कारणों से खो रहे हैं जिन्हें रोका जा सकता है. 
इन लक्षणों को न करें इग्नोर
आंखों का लाल होना और धुंधलापन जैसे सामान्य लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. इसके साथ ही डॉ. लाल ने जल्दी जांच करने, आंखों का ख्याल रखने पर जोर दिया. उन्होंने मोबाइल आई केयर क्लीनिक्स भी चलाने की सलाह दी, जो गांव और दूरदराज के इलाकों में लोगों तक आंखों का इलाज पहुंचा सके.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.



Source link

You Missed

Julio Cesar Soto Renteria
HollywoodNov 5, 2025

जूलियो सेसार सोटो रेंटेरिया लॉस एंजिल्स डांस सीन में रेग्गेटोन ला रहे हैं – हॉलीवुड लाइफ

जूलियो सेसार सोटो रेंटेरिया, मेक्सिको सिटी के एक नृतक और नृत्य निर्देशक हैं, जो लॉस एंजिल्स के पेशेवर…

authorimg
2619 किलोमीटर दूर से आया एक खास जानवर! हिमालय छोड़ याक कर्नाटक पहुंच गया
Uttar PradeshNov 5, 2025

बिहार विधानसभा चुनावों के बाद अचानक गोरखपुर पहुंचे मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को फटकार लगाने के लिए क्या पाया? : यूपी न्यूज

गोरखपुर में सिक्सलेन फ्लाईओवर का निर्माण तेजी से पूरा करने के लिए सीएम योगी ने दिए निर्देश गोरखपुर…

Scroll to Top