Contaminated Saline Bottle: अस्पताल या क्लीनिक वालों की एक छोटी सी गलती कितनी बड़ा खतरा पैदा कर सकती है, ये एक घटना साबित करती है. द लैंसेट में छपी एक स्टडी से पता चला है कि 2023 में तमिलनाडु (Tamil Nadu) के वाणियाम्बाड़ी (Vaniyambadi) में न्यूरोमेलियोइडोसिस (Neuromelioidosis), जो एक सीवियर बैक्टीरियल ब्रेन इंफेक्शन, इसके आउटब्रेक के कारण 8 मौतें हुईं. ये प्रकोप, जिसे सरकारी एजेंसियों द्वारा कोई रिपोर्ट नहीं मिली, लोकल डेंटल क्लिनिक में अनस्टेराइल प्रैक्टिस से सीधे जुड़ा हुआ है.
कैसे इंफेक्ट हुई सलाइन की बोतल?इनवेस्टिगेटर्स ने पाया कि एक बिना स्ट्रेराइल किया हुआ सर्जिकल इंस्ट्रूमेंट का इस्तेमाल एक सलाइन की बोतल को खोलने के लिए किया गया, जिसे फिर ढीला-ढाला फिर से सील किया गया और रियूज किया गया. इस कॉन्टामिनेटेड सलाइन सॉल्यूशन का इस्तेमाल डेंटल प्रोसीजर के दौरान किया गया, जिसने डायरेक्टली कम से कम 10 मरीजों को इंफेक्ट किया, जिससे उन में 80% के हाई मृत्यु दर के हालात बने.
ब्रेन पर सीधा असररिसर्चर्स का मानना है कि रैपिड और हाई मॉर्टेलिटी रेट का कारण बैक्टीरिया का सीधे नसों के रास्ते ब्रेन की तरफ जाना था, जो ब्लड स्ट्रीम को बायपास कर रहा था. होल जीन सीक्वेंस ने बैक्टीरिया में एक ऐसे जीन की मौजूदगी भी दिखाई, जो ब्रेन पर आक्रामक रूप से हमला करता है.
इस बैक्टीरिया ने किया बर्बादबर्कहोल्डेरिया प्सेउडोमेलेई (Burkholderia pseudomallei) नामक बैक्टीरियम, जो आमतौर पर दूषित मिट्टी और पानी में पाया जाता है, वो न्यूरोमेलियोइडोसिस (Neuromelioidosis) का कारण बनता है, जो सेंट्रल नर्वस सिस्टम को अफेक्ट करता है. जुलाई 2022 से अप्रैल 2023 के बीच 21 मामलों की पहचान की गई, लेकिन डेंटल क्लिनिक में संपर्क में आने वाले 10 मरीजों की मौत दूसरे मामलों की तुलना में कहीं ज्यादा तेजी से हुई.
हालांकि इस डेंटल क्लिनिक को सैपल कलेक्ट करने से पहले ही डिसइंफेक्ट कर दिया गया और बंद कर दिया गया था, साइंटिस्ट्स ने क्लिनिक से एक सलाइन बोतल में B. pseudomallei की मौजूदी को कंफर्म किया, जबकि बंद बोतलें दूषित रही. ये घटना हेल्थकेयर सेटिंग्स में कठोर इंफेक्शन कंट्रोल के उपायों की अहमित पर जोर डालती हैं.
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