अगर सुबह-सुबह टॉयलेट में ज्यादा समय बिताना आपकी दिनचर्या का हिस्सा बन चुका है, तो समझ लें कि यह कब्ज का संकेत हो सकता है. कब्ज की समस्या अक्सर खराब लाइफस्टाइल, फाइबर की कमी और कम पानी पीने के कारण होती है. इस समस्या से निपटने के लिए दवाइयों की बजाय कुछ आसान घरेलू उपाय भी काफी कारगर हो सकते हैं. इनमें से एक साधारण तरीका है सुबह उठते ही एक गिलास गुनगुना पानी पीना.
विशेषज्ञों के अनुसार, सुबह-सुबह खाली पेट गुनगुना पानी पीने से पेट की मसल्स को आराम मिलता है और पाचन तंत्र बेहतर तरीके से काम करता है. गुनगुना पानी आंतों में मौजूद भोजन को भी मुलायम कर देता है, जिससे मल त्याग में आसानी होती है. इस प्रक्रिया से कब्ज की समस्या कम हो सकती है और टॉयलेट में लंबा समय बिताने की जरूरत नहीं पड़ती.
कैसे इस उपाय को अपनाएं?सुबह उठने के बाद सबसे पहले एक गिलास गुनगुना पानी पीने का प्रयास करें. आप चाहें तो पानी में नींबू का रस या एक चुटकी हल्दी भी मिला सकते हैं. नींबू में मौजूद विटामिन सी शरीर से गंदगी को बाहर निकालने में मदद करता है और हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो पेट की सूजन को कम कर सकते हैं.
कब्ज दूर करने के अन्य उपायफाइबर रिच डाइट आहार का सेवन: अपने खाने में फाइबर की मात्रा बढ़ाएं. जैसे कि ओट्स, साबुत अनाज, हरी सब्जियां और ताजे फल. फाइबर से मल मुलायम होता है, जिससे मल त्याग करना आसान हो जाता है.व्यायाम करें: नियमित रूप से हल्का व्यायाम, जैसे कि टहलना या योग करना, पाचन तंत्र को एक्टिव बनाए रखता है.पानी की मात्रा बढ़ाएं: दिनभर में कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं. पर्याप्त पानी पीने से शरीर में नमी बनी रहती है और मल त्याग में मदद मिलती है.प्रोबायोटिक्स लें: दही जैसे प्रोबायोटिक खाद्य पदार्थ आंतों के स्वास्थ्य में सुधार लाते हैं और पाचन प्रक्रिया को सुचारू बनाते हैं.
इन सरल उपायों को अपनाने से न केवल कब्ज की समस्या से राहत मिल सकती है, बल्कि आपका पाचन तंत्र भी मजबूत बना रहेगा. सुबह-सुबह एक गिलास गुनगुना पानी आपके दिन की शुरुआत को बेहतर बना सकता है और कब्ज जैसी आम समस्या को दूर रखने में मदद कर सकता है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
Over 100 Gujarati youths trapped in Myanmar, forced to involve in cybercrimes
AHMEDABAD: What began as a dream of well-paying foreign jobs has turned into a horrifying ordeal for more…

