Ayurvedic Remedies for Constipation: क्या आपको पता है कि सर्दियों में कब्ज की समस्या ज्यादा हो जाती है. कम पानी का सेवन, अधिक खाना, बहुत अधिक चाय और कॉफी, ये सभी फैक्टर सर्दी के मौसम में कब्ज पैदा कर सकते हैं और इसकी स्थिति को बढ़ा सकते हैं. आज हम आपको बताएंगे कि कब्ज क्या है और किसके कारण होती है. साथ ही आपको कुछ आयुर्वेदिक उपाय बताएंगे, जिससे आप सर्दियों में कब्ज की समस्या से दूर रह सकते हैं या राहत पा सकते हैं.
कब्ज क्या है?ऐसे मल को कब्ज कहा जाता है, जिसे पास करना मुश्किल होता है या जो थोड़ी देर के लिए पूरी तरह से रुक जाता है. कब्ज की समस्या किसी भी उम्र के लोगों में देखी जा सकती है, लेकिन इसके ज्यादातर मामले अधेड़ उम्र के लोगों में देखा जाता है.
कब्ज क्यों होता है?कब्ज विभिन्न कारणों से हो सकता है, जिसमें डाइट संबंधी आदतें, दवाएं और स्वास्थ्य स्थितियां शामिल हैं. आयुर्वेद में तीन अलग-अलग दोष या शरीर में काम करने वाली एनर्जी के प्रकारों का वर्णन किया गया है. प्रत्येक व्यक्ति में तीनों दोष (वात, पित्त, कफ) होते हैं, लेकिन आम तौर पर एक अधिक प्रभावी होता है. व्यक्ति की शारीरिक विशेषताएं, व्यक्तित्व लक्षण और स्वास्थ्य भेद्यताएं सभी उनके प्रमुख दोष के प्रतिबिंब हैं.
कब्ज के आयुर्वेदिक उपाय
गर्म पानी और हर्बल चायहर दिन कम से कम 80 औंस (तकरीबन 2.5 लीटर) पानी या हर्बल चाय का सेवन करें. बेहतरीन तरल पदार्थ गर्म होते हैं, क्योंकि वे वात की ठंडी प्रकृति का प्रतिकार करते हैं. इसके अतिरिक्त, भोजन से पहले या बाद में इनमें से अधिकांश तरल पदार्थों का सेवन करना महत्वपूर्ण है.
घी या अलसी के बीज के साथ दूध लेंएक कप उबले हुए दूध में 1-2 घी मिलाएं और रात में बेड पर जाने से पहले पीने की कोशिश करें. या तो फिर एक कप पानी में एक चम्मच अलसी उबाल लें और इसे ठंडा होने के बाद पिएं. ध्यान रहे कि डिनर करने के एक घंटे के बाद इस ड्रिंक को पिएं.
हिंगुवाड़ी गुलिकागैस के जुड़ी बीमारियों के लिए आयुर्वेदिक थेरेपी में सबसे अधिक इस्तेमाल की जाने वाली गोलियों में से एक हिंगुवाडी गुलिका है. इस दवा से एनोरेक्सिया, अपच, भूख न लगना, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल असुविधा, पेट फूलना, एसिड रिफ्लक्स, दस्त और कब्ज का प्रभावी ढंग से इलाज किया जा सकता है. इसकी 1 से 2 गोली सोने से पहले पानी के साथ लें या फिर आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह ले लें.
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