केरल हाई कोर्ट के फैसले को पलटते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एक गवाह को धमकाने के मामले में पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज करने की अनुमति नहीं है, लेकिन इस निर्णय के साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि धमकाए गए गवाह की शिकायत दर्ज करने के लिए उन्हें पहले अदालत में जाना होगा, यह एक असंभव बाधा होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि धमकाए गए गवाह की शिकायत दर्ज करने के लिए उन्हें अदालत में जाना होगा, यह एक असंभव बाधा होगी। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि धमकाए गए गवाह की शिकायत दर्ज करने के लिए उन्हें अदालत में जाना होगा, यह एक असंभव बाधा होगी।
इसी तरह के एक अन्य मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एक टीटीई को 30 साल पुराने मामले में साफ सुथरा निकाल दिया है। 30 साल पहले टीटीई को अपने नौकरी से निकाल दिया गया था, क्योंकि उसने यात्रियों से 50 रुपये की रिश्वत लेकर बैठने के लिए बैठने की जगह दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णय में कहा कि उस समय कोई मामला नहीं बनाया गया था, इसलिए उसके विरुद्ध कोई मामला नहीं बनाया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि उसके विरुद्ध कोई मामला नहीं बनाया गया था, इसलिए उसके विरुद्ध कोई मामला नहीं बनाया गया था।

