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Commonwealth Games 2022 big controversies in this years game | Commonwealth Games: कॉमनवेल्थ गेम्स में हुए ये 4 बड़े विवाद, कोरोना के बावजूद मैदान पर उतरी ये खिलाड़ी



Commonwealth Games 2022: जब 72 देशों के 5000 से अधिक एथलीट राष्ट्रमंडल गेम्स में विभिन्न खेलों के लिए प्रतियोगिताओं में इकट्ठा होते हैं, तो विवाद होना लाजमी होता है. इस प्रकार बर्मिंघम 2022 में कई विवाद हुए, उनमें से कुछ में भारतीय टीमें शामिल थीं, जो मेनस्ट्रीम और सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना रहा.
ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर का कोरोना पॉजिटिव होने के बावजूद खेलने की अनुमति देना
एक खिलाड़ी को कोरोना संक्रमित होने के बावजूद एक मैच में खेलने की अनुमति दी गई है, जब से महामारी शुरू हुई है, तब से खेल पर इसका बुरा प्रभाव पड़ा है. बर्मिंघम 2022 की आयोजन समिति, अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (जो वास्तव में एक अंतरराष्ट्रीय महासंघ के रूप में टूर्नामेंट का संचालन कर रही है),ऑस्ट्रेलिया और भारत के क्रिकेट बोडरें ने बर्मिंघम में उन्हें इस खतरनाक हालत में खेलने की अनुमति दी.
ऑस्ट्रेलिया की खिलाड़ी ताहलिया मैक्ग्रा को कोरोना संक्रमित होने के बावजूद रविवार को एजबेस्टन मैदान में भारत के खिलाफ महिला टी20 क्रिकेट फाइनल खेलने की अनुमति दी गई थी, जिससे भारतीय और ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों का स्वास्थ्य खतरे में पड़ गया. पूरी घटना बर्मिघम 2022 आयोजन समिति द्वारा लागू किए गए कोविड-19 नियमों को लागू करने के हास्यास्पद तरीके को सामने लाती है. ताहलिया मैक्ग्रा को जहां फाइनल खेलने की अनुमति दी गई थी, वहीं भारतीय महिला हॉकी खिलाड़ी नवजोत कौर को कोई लक्षण नहीं होने के बावजूद घर वापस भेज दिया गया था.
ऑस्ट्रेलिया ने टाइमर गैफ के बाद फिर से शूट-आउट किया
ऑस्ट्रेलियाई महिला हॉकी टीम को भारत के खिलाफ सेमीफाइनल में पेनल्टी शूट-आउट फिर से लेने के लिए कहा गया था, जबकि अधिकारियों ने दावा किया था कि टाइमर काम नहीं कर रहा था. भारत की गोलकीपर और कप्तान सविता दंग रह गईं क्योंकि अधिकारियों ने उन्हें सूचित किया कि प्रयास फिर से किया जाएगा क्योंकि पहला शॉट लेने के समय टाइमर चालू नहीं था. ऑस्ट्रेलियाई टीम ने दोबारा शूट आउट के प्रयास में गोल दागा और मैच 3-0 से जीत लिया क्योंकि सभी तीन प्रयासों में भारतीय असफल रही थीं. एफआईएच को यह दावा करते हुए माफी जारी करने के लिए मजबूर होना पड़ा कि अधिकारियों ने जल्दबाजी की और टाइमर शुरू होने से पहले ही शूट-आउट के लिए अनुमति दी.
बॉक्सर लवलीना बोरगोहेन ने कोच की मान्यता को लेकर उठा तूफान
बर्मिंघम विलेज में सीमित संख्या में सहयोगी स्टाफ की अनुमति के साथ, लवलीना बोरगोहेन के कोच संध्या गुरुंग को एक अलग मान्यता दी गई, क्योंकि उन्हें विलेज के अंदर जाने की अनुमति नहीं दी गई. बॉक्सर ने मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को उठाया. आखिरकार, बॉक्सिंग टीम के मुख्य कोच भास्कर भट्ट द्वारा उनके कोच की मान्यता देनी पड़ी. टीम डॉक्टर को भी अपनी मान्यता से हाथ धोना पड़ा, ताकि गुरुंग को मान्यता मिल सके.
स्प्लिट गेम्स विलेज में खिलाड़ी नाखुश
पिछले खेलों के विपरीत, बर्मिंघम 2022 आयोजकों के पास सभी खिलाड़ियों को समायोजित करने के लिए एक भी एथलीट विलेज नहीं था. इसलिए, एथलीटों को कुल पांच छोटे विलेजों में उनके खेलों के आधार पर रखा गया था. हालांकि कुछ मामलों में यह सुविधाजनक था, जहां एथलीटों को एक विलेज से आयोजन स्थलों तक लंबी दूरी की यात्रा नहीं करनी पड़ती थी. एथलीटों के साथ एक विशाल विलेज का माहौल पदक जीतने के बाद भी अच्छा नहीं था, जो कि कुछ खिलाड़ियों के साथ अच्छा नहीं हुआ.



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