गोंडा. गोंडा जिले के मोतीगंज थाना क्षेत्र में स्थित बजाज हिंदुस्तान शुगर लिमिटेड की कुंदरखी चीनी मिल पर गन्ना किसानों के 188 करोड़ रुपये के बकाया भुगतान में देरी पर बड़ा एक्शन हुआ है. इस मामले में साधन सहकारी समिति के सचिव की शिकायत पर मिल के प्रबंध निदेशक अजय शर्मा, यूनिट हेड प्रेम नारायण, और वित्त एवं लेखाधिकारी राजीव पांडे के खिलाफ मोतीगंज थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है. यह कार्रवाई पेराई सत्र 2024-25 के समाप्त होने के बाद भी बकाया भुगतान न करने और मिल प्रबंधन की हीलाहवाली के चलते की गई है. बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गन्ना भुगतान में देरी पर एक्शन की चेतावनी दी थी.
कुंदरखी चीनी मिल पर गन्ना किसानों का लगभग 188 करोड़ रुपये का बकाया है, जो पेराई सत्र 2024-25 के दौरान सप्लाई किए गए गन्ने का भुगतान है. जिला प्रशासन और गन्ना विभाग की ओर से बार-बार नोटिस और चेतावनी जारी होने के बावजूद मिल प्रबंधन ने भुगतान में देरी की. गन्ना आयुक्त प्रमोद कुमार उपाध्याय ने पहले ही कुंदरखी चीनी मिल सहित छह अन्य मिलों के खिलाफ वसूली का नोटिस जारी किया था, जिसके तहत जिला प्रशासन भू-राजस्व की तरह बकाया वसूली कर सकता है.
अरबों का मुनाफा, पर भुगतान में हीलाहवाली
पेराई सत्र समाप्त होने के बाद भी मिल प्रबंधन ने किसानों के बकाया भुगतान को प्राथमिकता नहीं दी. साधन सहकारी समिति के सचिव ने आरोप लगाया कि चीनी मिल ने अरबों रुपये का मुनाफा कमाया, लेकिन किसानों को उनकी फसल की लागत तक का भुगतान नहीं किया गया. यह स्थिति न केवल किसानों के लिए आर्थिक संकट का कारण बनी है, बल्कि उनके बीच गहरे असंतोष को भी जन्म दे रही है. किसानों का कहना है कि गन्ना उनकी नकदी फसल है, जिस पर उनके परिवार की आर्थिक जरूरतें, बच्चों की शिक्षा, और अन्य खर्चे निर्भर हैं.
प्रशासन का सख्त रुख
जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने कुंदरखी चीनी मिल को पहले ही नोटिस जारी कर बकाया भुगतान के लिए कड़ा रुख अपनाया था. उनके अनुसार, पेराई सत्र 2024-25 में मिल पर कुल 273.34 करोड़ रुपये का गन्ना मूल्य और विकास अंशदान बकाया था, जिसमें से केवल 63.98 करोड़ रुपये (लगभग 23.41%) का भुगतान किया गया है. इसके बाद साधन सहकारी समिति ने कानूनी कार्रवाई का रास्ता चुना और मोतीगंज थाने में प्रबंध निदेशक, यूनिट हेड, और वित्त एवं लेखाधिकारी के खिलाफ धोखाधड़ी और विश्वासघात के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया.
किसानों का आक्रोश
किसानों ने चीनी मिल के खिलाफ बार-बार धरना-प्रदर्शन किया है. हाल ही में, किसानों के बढ़ते आक्रोश और धरने की चेतावनी के बाद मिल प्रबंधन ने 10 करोड़ रुपये का भुगतान जारी किया था, साथ ही दिसंबर 2024 के अंत तक शेष 60 करोड़ रुपये चुकाने का वादा किया था. हालांकि, बकाया राशि का बड़ा हिस्सा अभी भी लंबित है, जिसके चलते किसानों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है. किसानों का कहना है कि यदि शेष बकाया जल्द नहीं चुकाया गया, तो वे फिर से धरने पर बैठेंगे.
मिल प्रबंधन का पक्ष
बजाज चीनी मिल के अधिकारियों ने दावा किया है कि वे किसानों की समस्याओं को समझते हैं और बकाया भुगतान को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए प्रयासरत हैं. उनका कहना है कि चीनी की बिक्री और अन्य वित्तीय बाधाओं के कारण भुगतान में देरी हुई है, लेकिन वे किसानों के सहयोग से मिल का संचालन सुचारू रखने और बकाया चुकाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
सरकार और गन्ना विभाग की भूमिका
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गन्ना किसानों के बकाया भुगतान को प्राथमिकता देने के सख्त निर्देश दिए हैं. गन्ना आयुक्त प्रमोद कुमार उपाध्याय ने बताया कि गन्ना मूल्य भुगतान की स्थिति की मुख्यालय स्तर से निगरानी की जा रही है. गन्ना विभाग ने डिफॉल्टर चीनी मिलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है, जिसमें पेराई सत्र के लिए गन्ना क्षेत्रफल के पुनर्निधारण का भी प्रावधान शामिल है.