Uttar Pradesh

CM वही, लौकी नई… किसान पाठशाला में दिखी 5 फुट की लौकी, देखते ही मुख्यमंत्री योगी भी हंस पड़े

Last Updated:December 12, 2025, 22:56 ISTबाराबंकीः उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि धरती माता हमारा पेट भरने के लिए अन्न उत्पन्न करती है, लेकिन इसका स्वास्थ्य भी ठीक रहना चाहिए, और स्वास्थ्य ठीक रहेगा तो मानव ही नहीं बल्कि सारी सृष्टि बची रहेगी. उन्होंने कहा कि इसके लिए अनेक कार्यक्रम वर्तमान में चल रहे हैं. प्रधानमंत्री ने नेशनल विजन ऑफ नेचुरल फार्मिंग के जिस अभियान को आगे बढ़ाया है, ये उसी कड़ी का हिस्सा है. वे हमेशा कहते हैं कि किसान की आमदनी को बढ़ाने का पहला मंत्र है लागत कम हो तथा उत्पादन ज्यादा हो. अन्नदाता किसान को समय पर बीज, खाद, सिंचाई की सुविधाएं तथा वैज्ञानिक पद्धतियों का सहयोग मिले तो ये संभव है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाराबंकी के दौलतपुर ग्राम में शुक्रवार को आयोजित प्रगतिशील किसान सम्मेलन तथा खेती की बात खेत पर कार्यक्रम में रबी सत्र की किसान पाठशाला 8.0 का शुभारंभ किया. खेत पर पहुंचकर किसानों से सीधे संवाद करने वाले इस कार्यक्रम में सीएम योगी ने उत्तर प्रदेश की कृषि प्रगति, बहु फसली खेती, तकनीकी नवाचार, एमएसपी व्यवस्था की पारदर्शिता और किसानों की आय वृद्धि के लिए किए जा रहे प्रयासों पर विस्तृत चर्चा की. कार्यक्रम में प्रगतिशील किसानों का सम्मान भी किया गया और विभिन्न योजनाओं के लाभार्थी किसानों को चेक व स्वीकृति पत्र प्रदान किए गए. इस अवसर पर प्रदर्शनी में उन्नत किस्मों की फसलों, सब्जियों, कृषि यंत्रों और एफपीओ आधारित नवाचारों का अवलोकन भी किया गया, जबकि दौलतपुर की उन्नत खेती के मॉडल को प्रदेश के अन्य जनपदों के लिए प्रेरणा बताया गया. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश देश का सर्वाधिक आबादी वाला राज्य है, जहां 25 करोड़ लोग निवास करते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में पिछले 11 वर्षों में प्रदेश ने समग्र विकास की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति की है. उर्वर भूमि, पर्याप्त जल संसाधन और बेहतर कनेक्टिविटी के कारण राज्य कृषि और अवसंरचना के क्षेत्र में अग्रणी बना है. मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि देश की कुल कृषि योग्य भूमि में उत्तर प्रदेश का हिस्सा 11 प्रतिशत है, जबकि राष्ट्रीय खाद्यान्न आपूर्ति में प्रदेश का योगदान 21 प्रतिशत है। सरकार ने किसानों को बीज से लेकर बाजार तक आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराकर उत्पादन में वृद्धि और लागत में कमी सुनिश्चित की है. स्वॉइल हेल्थ कार्ड, फसल बीमा, गन्ना भुगतान, कृषि मंडियों के विस्तार तथा स्टोरेज और प्रोसेसिंग सुविधाओं ने किसानों को लाभ पहुंचाया है. Add News18 as Preferred Source on Google उन्होंने कहा कि पिछले आठ वर्षों में एमएसपी का भुगतान सीधे किसानों को मिल रहा है, जिससे बिचौलियों की भूमिका समाप्त हुई है। सिंचाई के क्षेत्र में हर खेत को पानी उपलब्ध कराने, माइक्रो इरीगेशन, नहरों के नेटवर्क, सौर पंप और जल संरक्षण के अभियानों को गति दी गई है. ड्रोन डोजिंग, खरपतवार नियंत्रण, स्वॉइल टेस्टिंग और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देकर किसानों को वैज्ञानिक पद्धतियों से जोड़ा गया है. उन्होंने कहा कि किसानों को उद्यमिता से जोड़ने के लिए फूड प्रोसेसिंग, कोल्ड स्टोरेज, लॉजिस्टिक्स, डिजिटल मंडी और ई-नाम जैसे प्रयासों ने बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए हैं. एक्सप्रेसवे और लॉजिस्टिक्स पार्कों के माध्यम से किसानों की उपज अब राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक आसानी से पहुंच रही है. विश्व बैंक के सहयोग से 4 हजार करोड़ रुपए की लागत से छह वर्षों में यूपी-एग्रीज परियोजना के अंतर्गत कम उत्पादन वाले 28 जनपदों, विशेषकर पूर्वांचल और बुंदेलखंड में कृषि सुधारों को गति दी गई है. मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में नौ भौगोलिक जलवायु क्षेत्र हैं और इनके अनुरूप उन्नत बीज तथा तकनीक उपलब्ध कराने पर कार्य जारी है. उन्होंने बताया कि वर्ष 2017 से पहले की तुलना में आज रिकॉर्ड उत्पादन और पारदर्शी व्यवस्था ने प्रदेश की प्रगति को नई दिशा दी है. कृषि विकास दर को 8.6 प्रतिशत से बढ़ाकर 17.7 प्रतिशत तक पहुंचाया गया है.न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।First Published :December 12, 2025, 22:56 ISThomeuttar-pradeshCM वही, लौकी नई… किसान पाठशाला में दिखी 5 फुट की लौकी

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