प्राकृतिक बुद्धिमत्ता (AI) के तेजी से विकास को देखते हुए मुख्यमंत्री ने स्थानीय भाषाओं जैसे कि गढ़वाली, कुमाऊंनी और जौनसारी की सुरक्षा के लिए सामूहिक जिम्मेदारी को बल दिया। उन्होंने कहा, “भाषा, संस्कृति और परंपराएं केवल व्यक्ति के व्यक्ति का साधन नहीं हैं, बल्कि हमारी पहचान और विरासत की नींव हैं।” उन्होंने छात्रों से स्थानीय भाषाओं में साहित्य और सामग्री को बढ़ावा देने और प्रस्तुत करने का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ने यह भी पुष्टि की कि सरकार ने स्थानीय भाषाओं में युवा सामग्री निर्माताओं को प्रोत्साहित करने और सम्मानित करने के लिए पहल की है, जिसमें लेखन, गीत संग्रह, शोध और डिजिटल सामग्री शामिल है। अपने विचारों को समाप्त करते हुए, उन्होंने पुस्तकों के अनमोल मूल्य को दोहराया, “चाहे AI कितनी भी उन्नत हो, पुस्तकों की जगह नहीं ले सकती। पुस्तकें केवल ज्ञान का स्रोत नहीं हैं, बल्कि विचार, समझ और सीखने की गहरी प्रक्रिया हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि सरकार स्थानीय बोलियों को डिजिटल बनाने के लिए प्राथमिकता दे रही है, ताकि ये सांस्कृतिक खजाने आने वाली पीढ़ियों के लिए सुलभ रहें।

