चित्रकूट में झमाझम बारिश से खेतों में गिरी धान की फसल, किसानों ने बढ़ी चिंता
चित्रकूट में सोमवार सुबह से हुई झमाझम बारिश ने मौसम का मिजाज पूरी तरह बदल दिया है. सुबह-सुबह आसमान में घने काले बादलों के साथ शुरू हुई बारिश ने जहां एक ओर लोगों को ठंडक और राहत का एहसास कराया है, वहीं दूसरी ओर किसानों के चेहरों पर चिंता की लकीरें भी खींच दीं है. यह अप्रत्याशित बारिश जिले के कई इलाकों में राहत और नुकसान दोनों लेकर आई है.
चित्रकूट के रुक्मा खुर्द, शिवरामपुर, मारकुंडी, मानिकपुर और सीतापुर इलाकों में सुबह से ही तेज बारिश का सिलसिला शुरू हो गया था, जो करीब 6 घंटे तक रुक-रुक कर जारी रही है. बारिश के चलते तापमान में गिरावट आई और मौसम भी सुहावना हो गया है. हालांकि इस बारिश से सड़कों पर लोगों को हल्की ठंडक का एहसास हुआ, जिससे शहरवासियों ने राहत की सांस भी ली है. इसके साथ ही धान की फसल को भी नुकसान हुआ है. धान की फसल नीचे गिर गई, लेकिन इस बारिश ने उन किसानों के लिए मुश्किलें बढ़ा दी हैं, जिनकी धान की फसल कटाई के लिए तैयार थी. खेतों में खड़ी पकी फसलें तेज हवा और पानी के कारण नीचे गिर गई हैं. कई जगहों पर खेतों में पानी भर जाने से धान के सड़ने का खतरा बढ़ गया है. किसानों का कहना है कि इस वक्त बारिश ने उनकी मेहनत पर पानी फेर दिया है.
रुक्मा खुर्द के किसान विनोद, शत्रुघ्न सहित अन्य किसानों ने बताया कि हम लोग फसल काटने की तैयारी में थे. तभी यह बारिश शुरू हो गई, अब धान की पूरी फसल गिर गई है, जिससे नुकसान तय है. वहीं किसान अन्य किसानों ने कहा कि हमने धान की बुवाई देर से की थी. फसल में अभी बाली आई ही थी. लेकिन तेज हवा से वह नीचे झुक गई. अब उसे सीधा करना मुश्किल है. जानकारी के लिए बता दे कि कुछ किसानों के लिए यह बारिश राहत भरी भी साबित हुई है. जिन किसानों की धान की फसल पहले ही कट चुकी है या जो गेहूं की बुवाई की तैयारी कर रहे थे, उनके लिए यह बारिश वरदान जैसी रही, क्योंकि मिट्टी में नमी आने से अब किसान बुवाई का काम शुरू कर सकेंगे.

