चित्रकूट का चमत्कारी बलकेश्वरी माता मंदिर, जहां नेत्रहीनों को मिलती है दृष्टि, जानें इससे जुड़ी मान्यता

admin

यात्रियों के लिए अलर्ट... अगस्त में बदल जाएगा कई ट्रेनों का रास्ता, कुछ रद्द!

Last Updated:August 14, 2025, 23:26 ISTचित्रकूट के पहाड़ी ब्लॉक के लोहदा गांव में स्थित यह मंदिर लगभग 963 साल पुराना है. इसका निर्माण चंदेल काल में हुआ था. इसकी प्राचीन वास्तुकला आज भी देखने योग्य है. स्थानीय मान्यता के अनुसार इस मंदिर में देवी माता…और पढ़ेंयूपी के चित्रकूट जनपद को धर्म नगरी के रूप में जाना जाता है. यह क्षेत्र अपनी ऐतिहासिक और धार्मिक धरोहरों के लिए देशभर में प्रसिद्ध है. यहां के मठ और मंदिर न केवल आस्था के केंद्र हैं बल्कि अपने अनोखे चमत्कारों और मान्यताओं के कारण भी लोगों को आकर्षित करते हैं. इन्हीं में से एक है बलकेश्वरी माता मंदिर जो चमत्कारिक मान्यता के लिए विशेष रूप से पहचाना जाता है.

963 साल पुराना है मंदिरचित्रकूट के पहाड़ी ब्लॉक के लोहदा गांव में स्थित यह मंदिर लगभग 963 साल पुराना है. इसका निर्माण चंदेल काल में हुआ था. इसकी प्राचीन वास्तुकला आज भी देखने योग्य है. स्थानीय मान्यता के अनुसार इस मंदिर में देवी माता के दर्शन और पूजन से नेत्रहीन लोगों को दृष्टि वापस मिल जाती है. यह विश्वास पीढ़ी-दर-पीढ़ी लोगों के मन में गहराई से जुड़ा हुआ है.

गांव में निवासी ने बताई मान्यतागांव के बुजुर्ग निवासी जगदीश गौतम ने जानकारी में बताया कि उन्होंने अपने बचपन से यहां कई अद्भुत घटनाएं देखी हैं. एक साधु जो पहले नेत्रहीन थे, मंदिर में रहने लगे. उन्होंने देवी के स्नान जल और मंदिर परिसर के कंकड़ों को आंखों पर लगाया, जिसके बाद धीरे-धीरे उनकी दृष्टि लौट आई. ऐसे किस्से ग्रामीणों और श्रद्धालुओं के बीच आज भी चर्चा का विषय हैं. मंदिर में सालभर श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहता है, लेकिन नवरात्रि के दौरान यहां खास रौनक देखने को मिलती है. इस समय दूर-दराज से लोग देवी के दर्शन और पूजा के लिए पहुंचते हैं. गांव में समय-समय पर मंदिर प्रांगण में दंगल और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं.

न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।Location :Chitrakoot,Uttar PradeshFirst Published :August 14, 2025, 23:26 ISThomedharmचित्रकूट का चमत्कारी बलकेश्वरी माता मंदिर, जहां नेत्रहीनों को मिलती है दृष्टि

Source link